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भाजपा में बनी रहेगी संघ की अहमियत

लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अहम भूमिका के बाद अब भाजपा संगठन के हर फैसले में भी उसे अहमियत मिलेगी। गुरुवार को संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच लंबी बैठक के बाद यह पूरी तरह तय हो गया है। बाद में संघ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी रात्रिभोज पर चर्चा की। पार्टी की कमान संभालने के

By Edited By: Updated: Thu, 24 Jul 2014 10:27 PM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अहम भूमिका के बाद अब भाजपा संगठन के हर फैसले में भी उसे अहमियत मिलेगी। गुरुवार को संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच लंबी बैठक के बाद यह पूरी तरह तय हो गया है। बाद में संघ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी रात्रिभोज पर चर्चा की।

पार्टी की कमान संभालने के बाद यूं तो अध्यक्ष अमित शाह नागपुर जाकर सरसंघचालक से मुलाकात कर चुके हैं। गुरुवार को पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास पर शाह, राजनाथ सिंह, रामलाल, संघ से भैयाजी जोशी, कृष्ण गोपाल, सुरेश सोनी और बजरंग लाल गुप्ता की बैठक हुई। बताते हैं कि इस बैठक में दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव पर चर्चा के साथ ही टीम शाह के स्वरूप पर भी विचार हुआ। नौ अगस्त को दिल्ली में भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी जिसमें शाह को अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले पर मुहर लगेगी। उसके बाद ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल होना है और टीम शाह का गठन भी।

सूत्रों की मानें तो यह तय है कि टीम शाह का स्वरूप पूरी तरह नया होगा। यानी 'बदलाव कॉस्मेटिक नहीं बड़ा होगा।' जिसमें कोर टीम के कई सदस्य तो बदलेंगे ही, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति में भी बदलाव दिख सकता है। कोशिश यह होगी कि हर स्तर पर टीम का चेहरा युवा दिखे। इस क्रम में संसदीय बोर्ड के सचिव और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का पत्ता कट सकता है। कोशिश यह होगी कि सांगठनिक लिहाज से योग्य लोगों को ही संगठन में जगह मिले। किसी को संतुष्ट या खुश करने के लिए न तो सरकार में और न ही संगठन में जगह मिलेगी। लिहाजा बड़ा बदलाव होगा।

पार्टी में महासचिव स्तर पर पहले ही चार पद खाली हैं। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद एक महासचिव का पद और खाली हो सकता है। जेपी नड्डा को पर्यावरण मंत्रालय दिया जा सकता है। जबकि, एक अन्य महासचिव हटाए जा सकते हैं। संगठन महासचिव के कार्यक्षेत्र और अधिकार क्षेत्र मे भी बदलाव दिख सकता है।

शाम को प्रधानमंत्री मोदी के साथ संघ नेताओं के रात्रिभोज में भी संगठन और सरकार पर चर्चा हुई। कुछ राज्यों में जल्द होने वाले चुनावों की रणनीति पर भी विचार-विमर्श हुआ।

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