गोमांस पाबंदी पर मुस्लिमों का समर्थन जुटा रहा संघ
महाराष्ट्र में गोमांस बिक्री पर लगी पाबंदी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कमर कस ली है। इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय का समर्थन जुटाने के लिए उसके स्वयंसेवक सक्रिय हो गए हैं। संघ ने इस काम के लिए अपने संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
By Sachin kEdited By: Updated: Sat, 16 May 2015 02:05 AM (IST)
मुंबई, मिड-डे। महाराष्ट्र में गोमांस बिक्री पर लगी पाबंदी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कमर कस ली है। इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय का समर्थन जुटाने के लिए उसके स्वयंसेवक सक्रिय हो गए हैं। संघ ने इस काम के लिए अपने संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) को आगे किया है।
एमआरएम ने शुक्रवार को मुंबई के बायकुला से गो मांस बिक्री पर प्रतिबंध के समर्थन में मुस्लिम समुदाय के बीच हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया। संगठन का लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाबंदी के चलते बेरोजगार होने वालों को रोजगार मुहैया कराने का आग्रह करना है। महाराष्ट्र की भाजपा नीत सरकार ने इस वर्ष के शुरू में गोमांस बिक्री पाबंदी कानून पर राष्ट्रपति से मंजूरी ली थी। इस कानून के तहत गाय और उसकी संतान का वध और उनका मांस बेचना, खरीदना या रखना अपराध माना जाता है। माना जा रहा है कि गोमांस बिक्री पर पाबंदी वाले कानून के पीछे असल दिमाग आरएसएस का ही है। इतना होने के बावजूद वह इस मुद्दे पर मुस्लिमों को लामबंद करने की दिशा में सक्रिय है। इस सिलसिले में उससे जुड़े संगठन एमआरएम ने पिछले एक महीने से राज्य भर में हस्ताक्षर अभियान चला रखा है। यह हस्ताक्षर अभियान पूरे मई माह तक और चलेगा। हस्ताक्षर अभियान की निगरानी कर रहे संगठन प्रभारी इंद्रेश कुमार के अनुसार, जून में हस्ताक्षर पत्र को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को सौंप दिया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार को मांग पत्र भी एमआरएम की ओर से सौंपा जाएगा। जिसमें गोमांस पर पाबंदी के बाद बेरोजगार होने वाले हजारों लोगों के पुनर्वास की मांग उठाई जाएगी।
एमआरएम के साजिद कुरैशी ने कहा कि सरकार को ऐसे लोगों को सरकारी क्षेत्र में नौकरी दिलाने में प्राथमिकता देनी चाहिए और उनके पुनर्वास के लिए उचित कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए। पढ़ेंः काटबू बोले, मैंने खाया गोमांस