पूर्व जदयू नेता साबिर अली को पहले पार्टी में शामिल करने और फिर एक दिन बाद ही उन्हें निकालने के बाद भी भाजपा उलझी हुई है। अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पैठ बनाने में जुटी भाजपा ने आज रविवार को दिन में पहले तो यह संकेत दिए कि अगर साबिर अली पर लगे आरोप गलत साबित होते हैं तो उनके लिए पार्टी अपने दरवाजे फिर खोल सकती है लेकिन शाम होते-होते ट्वीट कर इसकी संभावना खारिज कर दी गई।
By Edited By: Updated: Mon, 31 Mar 2014 08:02 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पूर्व जदयू नेता साबिर अली को पहले पार्टी में शामिल करने और फिर एक दिन बाद ही उन्हें निकालने के बाद भी भाजपा उलझी हुई है। अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पैठ बनाने में जुटी भाजपा ने आज रविवार को दिन में पहले तो यह संकेत दिए कि अगर साबिर अली पर लगे आरोप गलत साबित होते हैं तो उनके लिए पार्टी अपने दरवाजे फिर खोल सकती है लेकिन शाम होते-होते ट्वीट कर इसकी संभावना खारिज कर दी गई।
उधर, साबिर अली ने भाजपा के नेता मुख्तार अब्बास नकवी के खिलाफ अपने तेवर कड़े कर लिए हैं। अली ने कहा है कि अगर नकवी 48 घंटे में अपने आरोप साबित नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के राजनीतिक सलाहकार डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार दिन में पार्टी की ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'पार्टी से बाहर रहने का फैसला साबिर अली का अपना है। जब तक उनके खिलाफ लगे आरोपों पर फैसला नहीं हो जाता है तब तक उन्होंने पार्टी से बाहर रहने का निर्णय किया है। वैसे भी अली की तरफ से जो कागजात दिए गए थे उनमें किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पाई गई थी।' लेकिन देर शाम त्रिवेदी अपने बयान से पलट गए। उन्होंने ट्वीट किया कि साबिर अली की सदस्यता रद कर दी गई है। अब यह मामला खत्म हो चुका है। साबिर अली पिछले शुक्रवार को भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन उनके पार्टी में शामिल होने के कुछ ही देर बाद भाजपा में अल्पसंख्यकों का चेहरा माने जाने वाले मुख्तार अब्बास नकवी ने साबिर अली पर आतंकवादी यासीन भटकल के साथ रिश्ते होने की बात सार्वजनिक कर सनसनी फैला दी। इसके चलते एक दिन बाद साबिर अली को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया। हालांकि अब त्रिवेदी बता रहे हैं कि अली अपनी मर्जी से बाहर हुए हैं।
बहरहाल, अली ने नकवी को चुनौती दी है कि वे 48 घंटे के भीतर उनके उपर लगाये गये आरोप साबित करें या फिर माफी मांगे। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने नकवी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है। भाजपा से बाहर होने के बाद अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे अली की मदद में उनकी धर्मपत्नी यास्मीन अली भी सामने आ गई हैं। यास्मीन अली ने कहा है कि अगर नकवी उन्हें लिखित माफीनामा नहीं देते हैं तो वह उनके घर के सामने अनशन करेंगी। अली ने नकवी का मानसिक संतुलन बिगड़ने और अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए बेबुनियाद आरोप लगाने की बात कही है।