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सचिन को राज्यसभा से गैरहाजिर रहने की मिली इजाजत

संसद में यदा-कदा नजर आने वाले मनोनीत सदस्य सचिन तेंदुलकर की राज्यसभा के मौजूदा सत्र में गैर हाजिर रहने की अर्जी मंजूर तो हो गई मगर काफी हंगामे के बाद। उनके संसद से गायब रहने को लेकर शिकायतों के बाद सचिन ने सोमवार को राज्यसभा के मौजूदा 232वें सत्र से अनुपस्थित रहने की अर्जी भेजी। लेकिन इस पर उनके कई साथी स

By Edited By: Updated: Mon, 11 Aug 2014 09:10 PM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संसद में यदा-कदा नजर आने वाले मनोनीत सदस्य सचिन तेंदुलकर की राज्यसभा के मौजूदा सत्र में गैर हाजिर रहने की अर्जी मंजूर तो हो गई मगर काफी हंगामे के बाद। उनके संसद से गायब रहने को लेकर शिकायतों के बाद सचिन ने सोमवार को राज्यसभा के मौजूदा 232वें सत्र से अनुपस्थित रहने की अर्जी भेजी। लेकिन इस पर उनके कई साथी सदस्य बिफर उठे। साथियों के विरोध और बाद में सभापति की गुजारिश के बाद भारत रत्न से नवाजे गए क्रिकेट खिलाड़ी की छुंट्टी की अर्जी मंजूर हो सकी।

महत्वपूर्ण है कि एक महीना पूरा कर समापन की ओर बढ़ रहे मौजूदा संसद सत्र के दौरान सांसद सचिन तेंदुलकर एक भी दिन सदन में नजर नहीं आए। सचिन और उनके साथ मनोनीत हुई सिने अभिनेत्री रेखा की सदन से गैरहाजिरी को लेकर बीते सप्ताह साथी सांसदों ने कई सवाल भी उठाए थे। इसके बाद ही सचिन की ओर से निजी कारणों और पेशेवर व्यस्तताओं का हवाला देते हुए सोमवार को सदन से अनुपस्थित रहने की अर्जी भेजी गई थी।

सदन में उप-सभापति पीजे कुरियन ने जब सदन में सचिन का आवेदन पढ़कर सुनाया तो कुछ सदस्यों ने इस पर आपत्ति उठाई और हंगामा किया। समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल का कहना था कि गत शुक्रवार सचिन दिल्ली आए। विज्ञान भवन गए, लेकिन सदन में नहीं आए। अगर व्यक्ति दिल्ली में रहते हुए सदन की बैठकों में भाग नहीं लेता है तो इसका अर्थ है कि वह सदन का सम्मान नहीं करता। सपा सदस्य की दलील के साथ कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी सुर मिलाते हुए सचिन की अनुपस्थिति पर एतराज जताया। ध्यान रहे कि सचिन ने 8 अगस्त को विज्ञान भवन आयोजित एक समारोह में हिस्सा लिया था। उस दिन उन्होंने सदन से अपनी गैरहाजिरी के बारे में सफाई देते हुए कहा था कि बड़े भाई की सर्जरी के चलते वह सदन में उपस्थित नहीं रह सकते।

हालांकि उपसभापति ने पेशेवर व्यस्तताओं और निजी कारणों का हवाला देते हुए सचिन की ओर से अनुपस्थित रहने की अर्जी को मंजूर कर दिया। कुरियन का कहना था कि कई बार सांसद निजी कारणों से सदन में नहीं आ पाते। इसे ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में करीब दो साल से सदस्य नामित सचिन तेंदुलकर सबसे कम हाजिरी देने वाले सांसदों में हैं।

सदन से सचिन और सिने अभिनेत्री रेखा की गैर-हाजिरी को लेकर सवाल उठाए गए थे। गौरतलब है कि सचिन और रेखा दोनों ही सदन में मनोनीत सदस्य हैं। सदन में दोनों की न केवल उपस्थिति कमजोर है बल्कि उनके नाम न तो कोई सवाल दर्ज है और न ही किसी बहस में उनकी कोई हिस्सेदारी रही है।

'सचिन संसद के निकट विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए थे, लेकिन सदन में नहीं आए। सदस्यों की आम राय है कि उनका सदन के प्रति कोई सम्मान नहीं है।' -नरेश अग्रवाल, सपा नेता

'सदन के कई सदस्य विभिन्न कारणों से अनुपस्थित रहते हैं। यह जांच करना आसन का काम नहीं कि वे क्यों नहीं आए? आप इस पर आपत्ति नहीं कर सकते।' -पीजे कुरियन, उपसभापति, राज्यसभा

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