साध्वी पर सरकार ने खेला दलित कार्ड, भड़कीं मायावती
केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की विवादास्पद टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दोनों सदनों में बयान देने के बावजूद विपक्ष का अड़ियल रवैया देख सरकार ने दलित कार्ड खेल दिया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और रामविलास पासवान ने आरोप लगाया है कि साध्वी के दलित होने के
By Sudhir JhaEdited By: Updated: Fri, 05 Dec 2014 06:38 PM (IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की विवादास्पद टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दोनों सदनों में बयान देने के बावजूद विपक्ष का अड़ियल रवैया देख सरकार ने दलित कार्ड खेल दिया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और रामविलास पासवान ने आरोप लगाया है कि साध्वी के दलित होने के कारण विपक्ष इस मुद्दे को जानबूझ कर उछाल रहा है।
सरकार के इस बयान पर बसपा प्रमुख मायावती बुरी तरह बिफर गई हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार साध्वी को बचाने के लिए दलित कार्ड खेल रही है। मायावती ने कहा कि साध्वी न तो दलित समुदाय से हैं न ही अनुसूचित जाति की हैं बल्की वह निषाद हैं जो पिछड़ी जाती में आते हैं। प्रधानमंत्री उसकी अक्षमता पर पर्दा डालने के लिए उसे दलित बता रहे हैं। और यदि ऐसा ही है तो मोदी उसे हटा कर इसी समुदाय से किसी अन्य को मंत्री बनाएं। साध्वी निरंजन ज्योति मामले में विपक्ष झुकने को एकदम तैयार नहीं है। उधर सरकार भी विपक्ष की मांग नहीं मांगने पर अड़ी है। मामले में विरोध के लिए आज विपक्षी सांसद काली पट्टी लगाकर संसद परिसर में गांधी मूर्ति के सामने धरने पर बैठ गए हैं। विरोध करने वाले सदस्यों में राहुल गांधी भी शामिल हैं। राहुल ने कहा कि विपक्ष जो कहना चाहती है हमें कहना नहीं दिया जा रहा है। हमें रोका और दबाया जा रहा है। उधर, इस मुद्दे पर आज लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फिर से कहा कि मंत्री क्षमा गांग चुकी है, अब मामले को खत्म किया जाए। इसके बावजूद लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा जारी है। विपक्ष संसद में सरकार को घेरने को तैयार है। विपक्ष के लगभग सभी दल इस मुद्दे पर साथ दिखाई दे रहे हैं। सरकार को घेरने के लिए टीएमसी और वाममोर्चा भी साथ हैं। लोकसभा में बात रखने का मौका न दिए जाने का आरोप लगाने वाले दल, कांग्रेस, टीएमसी,माकपा, सपा और आप ने मिलकर शुक्रवार को धरना देने की योजना बनाई थी। मामले में गतिरोध खत्म करने के लिए आज कैबिनेट की बैठक भी हो रही है।
गतिरोध को खत्म करने के बारे में विपक्ष का कहना है कि अगर सरकार सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव लाती है, जिसमें साध्वी निरंजना का नाम लिए बिना उनके बयान की निंदा हो, तो यह गतिरोध खत्म हो सकता है। पढ़ेंः पीएम ने कहा माफ करो, विपक्ष बोला नहीं