संजय दत्त से सहानुभूति तो प्रज्ञा, पुरोहित व असीमानंद से क्यों नहीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुखपत्र 'ऑर्गेनाइजर' ने फिल्म अभिनेता संजय दत्त की सजा माफ करने की पैरवी कर रहे लोगों की जमकर आलोचना की है। इसने कहा है कि दत्त से सहानुभूति रखने वालों को अदालत की सजा में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इसमें कहा गया है जब संजय के लिए माफी की बात की जा रही है तो मालेगांव विस्फोट
By Edited By: Updated: Sun, 31 Mar 2013 08:27 AM (IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुखपत्र 'ऑर्गेनाइजर' ने फिल्म अभिनेता संजय दत्त की सजा माफ करने की पैरवी कर रहे लोगों की जमकर आलोचना की है। इसने कहा है कि दत्त से सहानुभूति रखने वालों को अदालत की सजा में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
इसमें कहा गया है जब संजय के लिए माफी की बात की जा रही है तो मालेगांव विस्फोट के अभियुक्त लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित, प्रज्ञा ठाकुर और स्वामी असीमानंद के लिए भी क्षमादान की बात की जानी चाहिए क्योंकि वे अपराध साबित हुए बिना जेल में पड़े हैं। मुखपत्र के ताजा संस्करण के संपादकीय में उल्लेख किया गया है कि कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह, अभिनेत्री से नेता बनीं जया बच्चन और जयप्रदा, सपा के पूर्व नेता अमर सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि संजय दत्त को माफी दे दी जानी चहिए। 'खानदान का न्यायपालिका में कोई स्थान नहीं' शीर्षक वाले संपादकीय में संजय दत्त को प्रसिद्ध माता-पिता की संतान बताया गया है। दत्त समर्थकों पर निशाना साधते हुए संघ का यह अखबार ठाकुर, पुरोहित और असीमानंद के बचाव में उतरते हुए कहा है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जेल में रहते अब पांच साल हो रहे हैं। उसके खिलाफ सुबूत सिर्फ यही है कि उसने पंद्रह साल पहले एक मोटरसाइकिल बेची लेकिन उसके कागजात नहीं बदले। उसी मोटरसाइकिल का इस्तेमाल मालेगांव विस्फोट में हुआ था।
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