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बचाव की मुद्रा में आए SIT प्रमुख सतीश वर्मा, इशरत को बताया था निर्दोष

इशरत जहां मामले में नित नए खुलासे से कांग्रेस के साथ-साथ जांच करने वाले विशेष दल के प्रमुख सतीश वर्मा बचाव की मुद्रा में है। जहां पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को इशरत पर एनआइए की रिपोर्ट के बारे में कुछ याद नहीं है, वहीं एसआइटी प्रमुख सतीश वर्मा झूठे

By anand rajEdited By: Updated: Thu, 03 Mar 2016 10:17 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इशरत जहां मामले में नित नए खुलासे से कांग्रेस के साथ-साथ जांच करने वाले विशेष दल के प्रमुख सतीश वर्मा बचाव की मुद्रा में है। जहां पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को इशरत पर एनआइए की रिपोर्ट के बारे में कुछ याद नहीं है, वहीं एसआइटी प्रमुख सतीश वर्मा झूठे साक्ष्य बनाने के लिए गवाहों को प्रताडि़त करने से इनकार कर रहे हैं। जबकि लश्करे तैयबा आतंकी डेविड कोलमैन हेडली से पहली बार पूछताछ करने वाले एनआइए के तत्कालीन संयुक्त निदेशक लोकनाथ बेहरा ने कहा कि इशरत के आतंकी होने के बारे में उन्होंने गृहमंत्रालय को बताया था। लेकिन गृहमंत्रालय ने एनआइए की रिपोर्ट से इस हिस्से को निकाल दिया था।

इशरत जहां मुठभेड़ के राजनीतिक लाभ के लिए फर्जी सबूत गढ़ने और गवाहों को प्रताडि़त करने के आरोपों में घिरे एसआइटी के प्रमुख सतीश वर्मा ने बचाव की मुद्रा में हैं। सतीश वर्मा पूछताछ के दौरान सिगरेट से जलाने और गलत बयान देने के लिए प्रताडि़त करने के गृहमंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणि के आरोपों को खारिज कर दिया है। इशरत जहां के लश्कर तैयबा की आत्मघाती आतंकवादी साबित हो जाने के बावजूद सतीश वर्मा इसे मानने को तैयार नहीं है। सतीश वर्मा का कहना है कि उन्हें इशरत के आतंकी होने का कोई सबूत नहीं मिला। जबकि मणि का आरोप है कि इशरत के आतंकी होने की आइबी की रिपोर्ट को झुठलाने के लिए सतीश वर्मा ने दबाव डाला था।

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वहीं केरल कैडर के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी लोकनाथ बेहरा ने पूर्व गृहसचिव जीके पिल्लई, आइबी के पूर्व विशेष निदेशक राजेंद्र कुमार और आरवीएस मणि के आरोपों की पुष्टि की है। बेहरा 2010 में हेडली से शिकागो में पूछताछ करने वाली टीम के प्रमुख थे। बेहरा के अनुसार एनआइए ने अपनी रिपोर्ट में इशरत जहां के लश्कर आतंकी होने के हेडली के खुलासे का जिक्र किया था। लेकिन राजनीतिक दबाव में रिपोर्ट से इस अंश को हटा दिया गया। बाद में बेहरा को वापस उनके कैडर में वापस भेज दिया गया था।

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पी चिदंबरम के बाद गृहमंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले सुशील कुमार शिंदे इशरत जहां के पूरे विवाद से कन्नी काटने लगे हैं। मुंबई हमले के आरोपी कसाब और संसद हमले के आरोपी अफजल गुरू को फांसी की सजा को हरी झंडी देने वाले शिंदे को अब इशरत जहां के बारे में कुछ भी याद नहीं है। उनका कहना है कि इशरत जहां के आतंकी होने की एनआइए की किसी रिपोर्ट के बारे में उन्हें जानकारी ही नहीं है।

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