जुवेनाइल एक्ट पर पुनर्विचार करे सरकार: सुप्रीम कोर्ट
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से जुवेनाइल एक्ट पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। कोर्ट के मुताबिक, सरकार 1
By Edited By: Updated: Tue, 15 Jul 2014 01:51 PM (IST)
नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से जुवेनाइल एक्ट पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। कोर्ट के मुताबिक, सरकार 18 वर्ष के शख्स के मतदान का अधिकार देती है, उसे सरकार चुनने योग्य परिपक्व मानती है। ऐसे शख्स को रेप, हत्या या नारकोटिक्स लॉ के तहत अपराध करने पर निर्दोष कैसे माना जा सकता है? कोई भी नाबालिक एक ही दिन में अपराध करने योग्य नहीं हो जाता।
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख बरखा सिंह शुक्ला ने भी इस कानून की समीक्षा करने का सुझाव दिया है। इससे पहले मेनका ने हिंसक वारदातों को अंजाम देने वाले नाबालिग अपराधियों को भी वयस्कों की तरह सख्त सजा देने की वकालत की थी। साथ ही, सरकार से कहा था कि वह जुवेनाइल एक्ट की समीक्षा करे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते एक दशक में किशोर (16 से 18) अपराधियों द्वारा अंजाम दिए जाने वाले जुर्म में 65 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। कोर्ट के मुताबिक, अपराध की कोई तारीख तय नहीं की जा सकती, जैसा कि सरकारी नौकरियों में की जाती है।
वर्तमान में लागू जुवेनाइल एक्ट के तहत 18 वर्ष के कम आयु के दोषियों के लिए अधिकतम सजा तीन साल के लिए सुधारगृह में भेजने की है। हालांकि 16 दिसंबर 2012 के दिल्ली गैंगरेप केस के बाद इस पर बहस छिड़ी है। उस वारदात में 23 वर्षीय पैरामेडिकल की छात्रा के साथ दरिंदगी करने वाले छह दोषियों में एक 18 साल से कम उम्र का है, जिसे सबसे कम सजा मिली है।