ऑटो उद्योग के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए नई नीति जल्द: गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा है कि सरकार ने एक ऐसी नीति तैयार की है जो प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को सरेंडर करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
नई दिल्ली (पीटीआई) । केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा है कि सरकार ने एक ऐसी नीति तैयार की है जो प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को सरेंडर करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा इस नीति से ऑटोमोबाइल उद्योग को फायदा होगा और अगले पांच वर्षों के दौरान उनका टर्न ओवर 4 गुना बढ़कर 20 लाख करोड़ का हो जाएगा।
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गडकरी ने कहा कि काफी बहु-प्रतीक्षित नीति अब तैयार हो चुकी है और एक सप्ताह के भीतर लोगों और हिस्सेदारों से राय जानने के लिए इसे आम जनता के सामने प्रस्तुत कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम सुझावों के लिए एक सप्ताह के अंदर वाहनों की स्क्रीपिंग पॉलिसी को वेबसाईट पर डाल देंगे और इसके आधार पर हम इसे वित्त मंत्रालय के अप्रूवल के लिए भेजेंगे। जैसे ही इसे वहां से अप्रूवल मिल जाता है तो इसे कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।"
उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का टर्नओवर 4.5 लाख करोड़ रुपये का है जो अगले 5 वर्षों में बढ़कर 20 लाख करोड़ का हो जाएगा। गडकरी ने कहा कि इस नीति के साथ भारत विश्व की सर्वश्रेष्ठ कारों को निर्यात करने वाला पहला देश बन जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्सर्जन नियंत्रण के उपायों पर जोर देते हुए नए मसौदे पर विचार किया जा रहा है जिस पर उन खरीददारों को लगभग 50 प्रतिशत की छूट मिल सकती है जो अपने पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सरेंडर करेंगे।
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गडकरी ने कहा, "हम बंदरगाहों के निकट औद्योगिक समूहों समूहों की स्थापना करेंगे जहां पर बाजार की कीमत के आधे दर पर ऑटोमोबाइल पार्ट्स का निर्माण होगा। भारत में श्रम लागत कम है। तांबा, स्टील, प्लास्टिक और एल्यूमीनियम जैसे कार पार्ट्स का पुराने वाहनो से पुनर्नवीनीकरण किया जाएगा।"