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वैदिक मामले को तूल देने में जुटी कांग्रेस

कांग्रेस पत्रकार वेद प्रताप वैदिक और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद की मुलाकात के मुद्दे को तूल देने में जुटी है। कांग्रेस ने ने केंद्र सरकार पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है। हालांकि, सरकार ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि इस मुलाकात का उससे दूर-दूर तक कोई नाता नहीं

By Edited By: Updated: Thu, 17 Jul 2014 07:00 AM (IST)
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नई दिल्ली। कांग्रेस पत्रकार वेद प्रताप वैदिक और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद की मुलाकात के मुद्दे को तूल देने में जुटी है। कांग्रेस ने ने केंद्र सरकार पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है। हालांकि, सरकार ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि इस मुलाकात का उससे दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। सरकार पर वैदिक के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बढ़ाते हुए राजग सहयोगी शिवसेना ने भी कहा है कि केंद्र इस मामले में जिम्मेदारी से नहीं बच सकता।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने केंद्र पर तीखा हमला करते हुए कहा कि स्पष्ट तौर पर दोनों की मुलाकात में सरकार भी शामिल थी। पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग को वैदिक के दौरे की जानकारी थी। हमारी खुफिया एजेंसियां निश्चित तौर पर वैदिक की गतिविधियों पर नजर रखे होंगी। निश्चित तौर पर इस मुलाकात की सरकार को जानकारी थी। अब जब सरकार की गलती पकड़ ली गई है, तो मामले को दबाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। आरोपों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, 'सरकार के सभी प्रतिनिधि स्पष्ट कर चुके हैं कि वैदिक न तो सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर सईद से मिले थे और न ही संदेशवाहक के रूप में। सरकार का इस पूरे मामले से कोई लेना-देना नहीं है।' शिवसेना ने बुधवार को कहा कि 26/11 के हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से वैदिक की मुलाकात के मामले में सरकार जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है। पार्टी ने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा, 'सिर्फ यह कह देना पर्याप्त नहीं है कि मुलाकात से सरकार का कोई लेना-देना नहीं। अगर कांग्रेस सरकार में कोई पत्रकार हाफिज या दाऊद इब्राहिम से मिलता तो भाजपा सरकार पर हमलावर हो जाती। आज हम सत्ता में हैं। पल्ला झाड़ लेना पर्याप्त नहीं है। मामले की तह तक जाना जरूरी है।' मंगलवार को भी इस मुद्दे पर हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही बाधित हुई थी। इसके बाद लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राज्यसभा में अरुण जेटली ने सरकार का पक्ष रखा था।

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