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पटना सीरियल ब्लास्ट: सुरक्षा एजेंसियों को आइएम पर शक

पटना में नरेंद्र मोदी की रैली से पहले हुए सिलसिलेवार धमाकों ने दिल्ली तक पूरे सुरक्षा तंत्र को हिला दिया। खुफिया एजेंसियां जांच के शुरुआती दौर में इन धमाकों को इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] का हाथ मान रही हैं। वहीं बिहार सरकार और खुद कांग्रेस को भी इसके पीछे 'राजनीतिक साजिश' लग रही है। बहरहाल, गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियां अभी कुछ बोल तो नहीं रहीं, लेकिन रैली के मद्देनजर बिहार सरकार के सुरक्षा इंतजामों में खामी की बात अंदरखाने स्वीकार रही हैं।

By Edited By: Updated: Mon, 28 Oct 2013 09:09 AM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पटना में नरेंद्र मोदी की रैली से पहले हुए सिलसिलेवार धमाकों ने दिल्ली तक पूरे सुरक्षा तंत्र को हिला दिया। खुफिया एजेंसियां जांच के शुरुआती दौर में इन धमाकों को इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] का हाथ मान रही हैं। वहीं बिहार सरकार और खुद कांग्रेस को भी इसके पीछे 'राजनीतिक साजिश' लग रही है। बहरहाल, गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियां अभी कुछ बोल तो नहीं रहीं, लेकिन रैली के मद्देनजर बिहार सरकार के सुरक्षा इंतजामों में खामी की बात अंदरखाने स्वीकार रही हैं।

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माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के नए प्रोटोकॉल का भी बिहार में पूरी तरह पालन नहीं हुआ। मामले की संवेदनशीलता समझते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तत्काल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की और पूरा सुरक्षा तंत्र सक्रिय हुआ। प्रधानमंत्री ने नीतीश से फोन पर कहा है कि वह मामले की तह तक पहुंचें और पूरे घटनाक्रम की जानकारी भी ली है। गृह मंत्रालय के सूत्र इन श्रृंखलाबद्ध धमाकों के लिए सीधे तौर पर राज्य प्रशासन की विफलता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने बिहार सरकार से पूरे घटनाक्रम और सुरक्षा की स्थिति की बाबत रिपोर्ट तलब की है।

भटकल के साथी आतंकियों ने किए धमाके

धमाकों के तौर-तरीके से गृह मंत्रालय का शक इंडियन मुजाहिदीन की तरफ ही जा रहा है। इससे पहले बोध गया में हुए धमाके भी कुछ इसी तरह के थे। माना जा रहा है कि धमाकों का उद्देश्य लाखों की संख्या में जुटी भीड़ में भगदड़ मचाना भी हो सकता है। यदि यह मंसूबा कामयाब होता तो अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि कितनी जानें जातीं। इसीलिए, एनआइए और एनएसजी की टीम को भेजकर तत्काल मामले की तह तक पहुंचने को कहा गया है। गृह मंत्रालय और इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारी बिहार में इस बड़ी रैली के लिए की गई सुरक्षा तैयारियों से बेहद खफा हैं। उनका कहना है कि जब इतनी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं और मोदी की सुरक्षा को जैसा खतरा है, उस लिहाज से सतर्कता नहीं दिखी। यहां तक कि पटना एयरपोर्ट पर भी मोदी के पहुंचने के बाद राज्य प्रशासन की तरफ से अपेक्षित इंतजाम नहीं थे। इस बारे में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी बिहार के अधिकारियों से संपर्क में है। मगर राजनीतिक रूप से इस संवेदनशील मसले पर मंत्रालय कोई भी आधिकारिक बयान जारी करने से बच रहा है।

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