राकांपा के एक और पूर्व मंत्री भाजपा की में होंगे शामिल
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ जनजातीय नेता डॉ. विजयकुमार गावित आज भाजपा में शामिल हो जाएंगे। उनकी बेटी डॉ. हिना गावित हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस की अजेय समझी जानेवाली नंदुरबार लोकसभा सीट जीत चुकी हैं। इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस-राकांपा के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
By Edited By: Updated: Sat, 06 Sep 2014 05:52 PM (IST)
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ जनजातीय नेता डॉ. विजयकुमार गावित आज भाजपा में शामिल हो जाएंगे। उनकी बेटी डॉ. हिना गावित हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस की अजेय समझी जानेवाली नंदुरबार लोकसभा सीट जीत चुकी हैं। इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस-राकांपा के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
नंदुरबार क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यही कारण है राजनीति में पूरी तरह सक्रिय होने के बाद सोनिया गांधी की पहली आमसभा 1996 में नंदुरबार में ही आयोजित की गई थी। केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रहे माणिकराव गावित 1981 से इस क्षेद्द का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। लेकिन इस बार भाजपा ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा तैयार की गई जमीन के सहारे एक ही सीट से लगातार नौ बार जीत का रिकॉर्ड बना चुके माणिकराव गावित का विजयरथ रोक दिया। अब डॉ. हिना के पिता एवं राज्य सरकार में राकांपा कोटे के वरिष्ठ मंद्दी रहे डॉ. विजयकुमार गावित को भी अपने साथ जोड़कर नंदुरबार में अपनी स्थिति और पुख्ता करना चाहती है। डॉ. हिना के भाजपा में शामिल होने की खबर आते ही राकांपा उनके पिता को मंद्दी पद से हटाकर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। बता दें कि डॉ. हिना ने शरद पवार की सांसद पुद्दी सुप्रिया सुले की शागिर्दी में राजनीति में कदम रखा और नंदुरबार के आदिवासियों के बीच पिछले दो साल से सामाजिक कार्य करती आ रही हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में 1,95,987 वोट पाकर भी तीसरे स्थान पर रही भाजपा की नजर हिना की सामाजिक सक्रियता एवं उनके पिता के राजनीतिक जनाधार पर थी। इन दोनों के सम्मिलित प्रभाव से ही भाजपा इस बार के लोकसभा चुनाव में यह सीट जीतने में सफल रही। अब डॉ. विजय गावित को भाजपा में प्रवेश न सिर्फ नंदुरबार में, बल्कि संपूर्ण जनजातीय समाज में भाजपा की स्थिति मजबूत करेगा। दिल्ली में सरकार के गठन के खिलाफ राष्ट्रपति से मिलेंगे केजरीवाल