सीमा पर पाक गोलीबारी, श्रीनगर में आतंकी हमला
पाकिस्तानी सेना और आतंकियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर में माहौल तनावपूर्ण बनाने की पूरी कोशिश की। पाकिस्तानी सेना ने सोमवार पूरी रात पुंछ जिले की मेंढर तहसील के बालाकोट सेक्टर में घुसपैठ करवाने के लिए भारी गोलीबारी की। इस बीच, आतंकियों ने भी मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के एक जवान की गोली मारकर हत्या कर दी। हमले के बाद आतंकी फरार हो गए।
By Edited By: Updated: Wed, 13 Aug 2014 01:15 AM (IST)
जागरण संवाददाता, राजौरी। पाकिस्तानी सेना और आतंकियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर में माहौल तनावपूर्ण बनाने की पूरी कोशिश की।
पाकिस्तानी सेना ने सोमवार पूरी रात पुंछ जिले की मेंढर तहसील के बालाकोट सेक्टर में घुसपैठ करवाने के लिए भारी गोलीबारी की। इस बीच, आतंकियों ने भी मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के एक जवान की गोली मारकर हत्या कर दी। हमले के बाद आतंकी फरार हो गए। जम्मू के आरएसपुरा के अरनिया सब सेक्टर में भारी गोलीबारी व मोर्टार शेल दागने के बाद पाकिस्तान ने सोमवार रात बालाकोट सेक्टर में गोलीबारी शुरू कर दी, जो मंगलवार सुबह छह बजे तक जारी रही। इस दौरान पाकिस्तान सेना अधिक से अधिक आतंकियों को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करवाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन सीमा पर तैनात जवानों ने जवाबी कार्रवाई कर आतंकियों को वापस भागने पर मजबूर कर दिया। उधर, पुलवामा में शाम करीब पांच बजे आरपीएफ का एक जवान राजेंद्र सिंह पुछल में रेलवे ट्रैक के पास खड़ा था कि अचानक वहां आतंकी आ गए। आतंकियों ने उसे बचाव का मौका दिए बगैर उसके सिर में गोली मार दी। गोली लगते ही राजेंद्र जमीन पर गिर पड़ा और आतंकी उसे मरा समझ वहां से भाग निकले। आतंकी हमले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए घायल जवान को उपचार के लिए शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। हिज्ब ने ली जिम्मेदारी:
श्रीनगर। कश्मीरी आतंकियों के सबसे बड़े संगठन हिजबुल मुजाहिदीन (हिज्ब) ने मंगलवार को बीएसएफ के जवानों पर सोमवार रात को पांपोर के निकट हुए हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि भारत के हर प्रधानमंत्री का राज्य में इसी तरह स्वागत होगा। इस बीच, हमले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल के अनुसार, हमलावरों की संख्या पांच थी और सभी सेना की वर्दी पहने हुए थे। हमले में सात जवान घायल हो गए थे।