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भाजपा-संघ की बैठक में सुलझेंगे कई मुद्दे

केंद्र में सरकार गठन के डेढ़ साल बाद संघ और भाजपा इकट्ठे बैठकर भविष्य के एजेंडे पर भी चर्चा करेंगे और संभवत: कामकाज पर भी। बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत भी मौजूद होंगे और संभवत: प्रधानमंत्री भी कुछ देर के लिए आ सकते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Fri, 28 Aug 2015 04:10 AM (IST)
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नई दिल्ली [ब्यूरो]। केंद्र में सरकार गठन के डेढ़ साल बाद संघ और भाजपा इकट्ठे बैठकर भविष्य के एजेंडे पर भी चर्चा करेंगे और संभवत: कामकाज पर भी। बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत भी मौजूद होंगे और संभवत: प्रधानमंत्री भी कुछ देर के लिए आ सकते हैं। अगले माह 2-4 के बीच होने वाली बैठक में आंतरिक और बाहरी सुरक्षा तथा शिक्षा मुख्य एजेंडा होगा। इसकी संभावना भी जताई जा रही है कि पार्टी और संघ के बीच 'सिंगल विंडो की बजाय कुछ दूसरी व्यवस्था तैयार की जाए।

यह बैठक आंशिक रूप से तो सामान्य समन्वय बैठक जैसी होगी जिसमें संघ के अनुषषांगिक संगठनों को भी बुलाया गया है ताकि संबंधित मंत्रियों के साथ बैठकर सुनिश्चित किया जा सके कि संघ की चिंताओं से मंत्रालय वाकिफ है। लेकिन सूत्रों के अनुसार यह बैठक कई मायनों में अलग होगी। बताते हैं कि सरकार गठन के बाद पहली बार इस तरह की बैठक का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें दोनों ओर से शीषर्ष नेतृृत्व शामिल होगा। लिहाजा इसकी संभावना जताई जा रही है कि कुछ मुद्दों पर नीतिगत चर्चा भी हो सकती है।

अपुष्ट सूत्र के अनुसार भाजपा और संघ के बीच समन्वय का तौर तरीका भी बदल सकता है। अनौपचारिक रूप से यूं तो पिछले कुछ महीनों से एक व्यवस्था चल रही है जिसमें संघ के दो तीन वरिष्ठ लोगों को शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि इस बाबत कुछ और स्पष्टता आ सकती है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इस तरह की चर्चा में कौन-कौन शामिल होंगे।

बताते हैं कि तीन दिनों में छह सत्र में चर्चा होगी। गौरतलब है कि कश्मीर, आंतरिक सुरक्षा, शिक्षा, वित्त, कृृषिष और आदिवासी कल्याण और श्रम को लेकर संघ का अपना मत रहा है और समय-समय पर उसे जताया भी जाता रहा है। संभवत: इन्हीं चुनिंदा मुद्दों पर मंत्रियों को बुलाया जाए।