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महानगरों में आम है पूर्वोत्तर की महिलाओं से छेड़छाड़

देश के चार महानगरों (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलूर) में पूर्वोत्तर की महिलाओं को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इन महानगरों में पूर्वोत्तर की महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं आम हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग के समर्थन से सेंटर फॉर नॉर्थ ईस्ट स्टडीज एंड पॉलिसी रिसर्च (सीएनईएसपीआर) द्वार

By Edited By: Updated: Sun, 26 Jan 2014 08:42 PM (IST)

नई दिल्ली। देश के चार महानगरों (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलूर) में पूर्वोत्तर की महिलाओं को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इन महानगरों में पूर्वोत्तर की महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं आम हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग के समर्थन से सेंटर फॉर नॉर्थ ईस्ट स्टडीज एंड पॉलिसी रिसर्च (सीएनईएसपीआर) द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में यह सच सामने आया है।

सर्वे में मकान मालिक, शिक्षक, वकील, पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत कुल 300 लोगों को शामिल किया गया था। सर्वे में भाग लेने वालों में से 26 फीसद महिलाओं ने छेड़छाड़ और 27 प्रतिशत ने टैक्सी व ऑटोरिक्शा चालकों द्वारा ज्यादा किराया वसूलने की शिकायत की। वहीं, सोलह फीसद ने मकान मालिकों द्वारा जीवनशैली, काम, भोजन और मूल निवास स्थान को लेकर अजीबोगरीब सवाल पूछने की बात कही। पूर्वोत्तर से जुड़े होने के कारण चार फीसद महिलाओं को किराये पर घर नहीं मिलने की बात भी सामने आई।

भेदभाव के बावजूद सर्वे में शामिल 44 फीसद लोग शिक्षा व रोजगार के बेहतर अवसरों को देखते हुए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को महानगरों में आने के लिए प्रोत्साहित करने की बात स्वीकार की। यहां तक की 41 फीसद लोग वापस जाने के विचार में भी नहीं हैं। हालांकि, 33 फीसद महिलाओं ने माना कि नौकरी के बेहतर अवसर मिलने पर वे अपने घर को लौट सकते हैं।

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