विलय पर लालू और शरद यादव के अलग-अलग सुर
जनता दल परिवार के छह दलों के विलय की कवायद के बीच मंगलवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के अलग-अलग सुरों ने मामला उलझा दिया। शरद यादव ने जहां राजद एवं जदयू के पहले विलय की संभावना व्यक्त की, वहीं लालू प्रसाद
By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Wed, 14 Jan 2015 10:05 AM (IST)
पटना [राज्य ब्यूरो]। जनता दल परिवार के छह दलों के विलय की कवायद के बीच मंगलवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के अलग-अलग सुरों ने मामला उलझा दिया। शरद यादव ने जहां राजद एवं जदयू के पहले विलय की संभावना व्यक्त की, वहीं लालू प्रसाद ने साफ कह दिया कि ऐसा कोई विचार नहीं है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि विलय के लिए सपा प्रमुख अधिकृत किए गए हैं। उनके अलावा और किसी को इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार नहीं है।
लालू ने कहा कि विलय तो छह दलों का होना है, पहले दो दलों का विलय किस प्रकार होगा। मैं अनुशासित व्यक्ति हूं। विलय पर और कुछ नहीं बोलूंगा। विलय के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को अधिकृत किया गया है। लालू ने मंगलवार को दिल्ली से यहां पहुंचने पर सांसद प्रेम गुप्ता की उपस्थिति में संवाददाताओं से बात की। उन्होंने शरद यादव द्वारा पहले राजद-जदयू के विलय की बात पर कहा कि आप लोग सौ साल में भी शरद जी की बातों को नहीं समङोंगे। उन्होंने ऐसा नहीं कहा होगा। लालू ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह तो उनकी महानता है कि विलय को लेकर मुझसे मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे। उधर, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने के कारण जदयू और राजद का पहले विलय हो जाने के प्रस्ताव पर भी विचार चल रहा है, लेकिन इस संबंध में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। मकर संक्रांति के अवसर पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा आयोजित दही-चूड़ा के भोज में शामिल होने के लिए मंगलवार को पटना पहुंचे शरद यादव हवाई अड्डे पर पत्रकारों से मुखातिब थे।