शरद यादव के बयान की चारों ओर निंदा, पार्टी की ओर से मांगी गई माफी
जेडीयू लीडर शरद यादव महिलाओं पर अपनी बेतुकी टिप्पणी को लेकर विवाद में घिरे हुए हैं. राज्यसभा में महिलाओं पर दिए गए बयान के बाद तमाम राजनीतिक व सोशल ग्रुप्स द्वारा वे निशाने पर आ गए हैं। चारों तरफ उनके बयान की निंदा हो रही है, वहीं दूसरी ओर ज्यादा
By Sudhir JhaEdited By: Updated: Sat, 14 Mar 2015 06:17 PM (IST)
नई दिल्ली। जेडीयू लीडर शरद यादव महिलाओं पर अपनी बेतुकी टिप्पणी को लेकर विवाद में घिरे हुए हैं. राज्यसभा में महिलाओं पर दिए गए बयान के बाद तमाम राजनीतिक व सोशल ग्रुप्स द्वारा वे निशाने पर आ गए हैं। चारों तरफ उनके बयान की निंदा हो रही है, वहीं दूसरी ओर ज्यादा हो-हल्ला होने पर जेडीयू पार्टी द्वारा शरद यादव के विववादास्पद बयान पर खेद प्रकट किया गया।
क्या दिया था बयान?राज्य सभा में बीमा बिल पर चर्चा चल रही थी। शरद यादव जब बोलने के लिए उठे तो उन्होंने बीच में बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश 26 से 49 परसेंट करने के प्रस्ताव को गोरी चमड़ी को लेकर भारतीयों की सनक से जोड़ दिया। शरद यादव ने कहा कि भारतीय गोरी चमड़ी के आगे किस तरह सरेंडर करते हैं, यह निर्भया डॉक्युमेंट्री बनाने वाली लेस्ली उडविन से पता चलता है। भारत में व्हाइट चमड़ी वालों को तो देखकर आदमी दंग रह जाता है। मेट्रोमोनियल देखो तो उसमें लिखा होता है कि गोरी चमड़ी चाहिए। अरे आपका भगवान सांवला था।
उन्होंने आगे कहा, तिहाड़ जेल में डॉक्युमेंट्री बनाने वाली उडविन जहां-जहां घुसी होगी, जो मन में आया होगा वह उसने किया होगा। पूरा देश भी सरेंडर है, हर एक आदमी यहां मेट्रोमोनियल देखें तो गोरी-गोरी ढूंढ रहा है। इसके बाद वह दक्षिण भारतीय महिलाओं की चर्चा करने लगे। उन्होंने कहा, साउथ की महिला जितनी ज्यादा खूबसूरत होती है, जितना ज्यादा उसका बॉडी। जो पूरा देखने में, यानी इतना हमारे यहां नहीं होती हैं। वह नृत्य जानती हैं। शरद यादव की इस टिप्पणी पर जहां अधिकतर सांसद ठहाके लगा रहे थे, वहीं डीएमके सांसद कनिमोझी के विरोध की आवाज भी सुनी गई।
पार्टी ने मांगी माफी
जद यू चीफ शरद यादव के राज्यसभा में दिए विवादित बयान से मचे बवाल के बाद पार्टी की ओर से खेद प्रकट किया गया है। इस बारे में जदयू के स्पोक्सपर्सन केसी त्यागी ने कहा कि अगर शरद यादव के बयान से किसी महिला को ठेस पहुंची है, तो पार्टी इसके लिए खेद प्रकट करती है। हालांकि शरद यादव का बचाव करते हुए पार्टी ने कहा कि उनकी मंशा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।
पार्टी ने मांगी माफी
जद यू चीफ शरद यादव के राज्यसभा में दिए विवादित बयान से मचे बवाल के बाद पार्टी की ओर से खेद प्रकट किया गया है। इस बारे में जदयू के स्पोक्सपर्सन केसी त्यागी ने कहा कि अगर शरद यादव के बयान से किसी महिला को ठेस पहुंची है, तो पार्टी इसके लिए खेद प्रकट करती है। हालांकि शरद यादव का बचाव करते हुए पार्टी ने कहा कि उनकी मंशा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।
और भी 'विवादों के बादशाह'
जेडीयू नेता शरद यादव के बारे में यह मत सोचिए कि वे औरतों पर पहली बार विवादास्पद बयानबाजी की है। वे पहले भी कर चुके हैं। शरद यादव ने कुछ साल पहले महिला आरक्षण के विरोध में कहा था कि यह बिल केवल 'पर कटी' औरतों के लिए है। उनकी इस शर्मनाक चिप्पणी पर तब काफी बवाल मचा था. महिला संगठनों ने उनकी तीखी निंदा की थी। दिग्विजय सिंह
जेडीयू नेता शरद यादव के बारे में यह मत सोचिए कि वे औरतों पर पहली बार विवादास्पद बयानबाजी की है। वे पहले भी कर चुके हैं। शरद यादव ने कुछ साल पहले महिला आरक्षण के विरोध में कहा था कि यह बिल केवल 'पर कटी' औरतों के लिए है। उनकी इस शर्मनाक चिप्पणी पर तब काफी बवाल मचा था. महिला संगठनों ने उनकी तीखी निंदा की थी। दिग्विजय सिंह
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की जुबान तो बार-बार फिसलती है। उनका बयान भी पढ़ लें- उन्होंने कहा, अरविन्द केजरीवाल राखी सावंत जैसे लगते हैं, दोनों 'ट्राई और एक्सपोज' करते हैं। श्रीप्रकाश जायसवाल 'नई शादी का मजा ही कुछ और होता है। ये तो सब जानते हैं कि पुरानी बीवी में वो मजा नहीं रहता।' संजय निरुपम कांग्रेस के सांसद रहे संजय निरुपम ने स्मृति ईरानी को लेकर कहा था, चार दिन हुए राजनीति में आये हुए और आप राजनीतिक विश्लेषक बन गयीं। आप तो टी.वी. पर ठुमके लगाती थी, अब चुनावी विश्लेषक बन गयीं। मुलायम सिंह रेप में फांसी की सजा सही नहीं है, लड़के हैं गलती हो जाती है। हम ऐसा कानून बनाएंगे जो रेपिस्टों को भी सजा दे और झूठी शिकायत करने वालों को भी सजा मिले। लालू प्रसाद यादव बिहार राजनीति में सबसे चर्चित चेहरा रहे लालू ने कहा था, बिहार की सड़कों को इस तरह बना दूंगा, जैसे हेमामालिनी के गाल हैं। ममता बनर्जी विवादास्पद बयानबाजी के लिहाज से वेस्ट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी कम नहीं हैं। उन्होंने एक बार कहा था, रेप इसलिए होते हैं की आज के दौर में पुरुष और महिलाओं के रिश्ते में अधिक खुलापन आ गया है। पढ़ेंः सब का साथ सबका विकास कहने वाली सरकार मजाक के मूड में