मोदी का न्योता स्वीकार करने को लेकर असमंजस में फंसे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की भारत यात्रा की जिन लोगों ने जोरदार पैरवी की उनमें उनकी बेटी मरियम नवाज का नाम खास तौर पर शामिल है। उन्होंने पिता के फैसले के पहले ही ट्वीट कर यह कह दिया था कि व्यक्तिगत तौर पर उनका मानना है कि भार
By Edited By: Updated: Sun, 25 May 2014 09:16 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। मोदी का न्योता स्वीकार करने को लेकर असमंजस में फंसे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की भारत यात्रा की जिन लोगों ने जोरदार पैरवी की उनमें उनकी बेटी मरियम नवाज का नाम खास तौर पर शामिल है। उन्होंने पिता के फैसले के पहले ही ट्वीट कर यह कह दिया था कि व्यक्तिगत तौर पर उनका मानना है कि भारत के साथ संबध सुधारने की कोशिश होनी चाहिए। इसके बाद उन्हें ट्विटर पर भारत-पाक से जमकर समर्थन मिला। उन्होंने करीब-करीब हर ट्वीट का जवाब दिया और कुछ चुनिंदा ट्वीट को आगे भी बढ़ाया। उन्होंने ट्वीट के जरिये अपनी बात इस तरह कही।
''आखिर दोनों देश विभाजित कोरिया की तरह क्यों रहें? वे यूरोपीय समुदाय की तरह क्यों नहीं रह सकते? भारत-पाक अतीत के बंधक क्यों रहें? दोनों को दुश्मनी भुलाकर नई शुरूआत करनी चाहिए। दोनों देश एकजुट होकर बीमारियों, अशिक्षा और गरीबी से क्यों नहीं लड़ सकते? ''
ट्विटर पर सक्रिय रहने के साथ ही मरियम ने टीवी चैनलों से बात करके भी दोनों देशों में दोस्ती की परैवी की। मरियम ने खुद को भारत का प्रशंसक बताया, लेकिन यह भी साफ किया कि वह पिता के साथ भारत नहीं आ रही हैं। 41 साल की मरियम राजनीति में सक्रिय हैं। उन्हें नवाज के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता है और अक्सर उनकी तुलना बेनजीर भुट्टो से भी होती है। मरियम विवाहित हैं और राजनीति में सक्रिय होने के साथ कई चैरिटी संस्थाएं भी चलाती हैं। पाकिस्तान में खूब चला अटकलों का दौर
नवाज शरीफ की ओर से नरेंद्र मोदी का न्योता स्वीकार करने में देरी के कारण पाकिस्तान में अटकलों का बाजार गर्म रहा। पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो नवाज शरीफ दिल्ली आने को लेकर खासे असमंजस में रहे। कहा जा रहा है कि उनकी भारत यात्रा तभी संभव हो सकी जब सेना ने इसके लिए हरी झंडी दी। इसकी पुष्टि शुक्रवार को नवाज शरीफ के छोटे भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ की सेना प्रमुख जनरल रहील शरीफ से मुलाकात से हुई। इस दौरान विपक्षी दल और विदेश मंत्रालय मोदी के आमंत्रण को स्वीकार करने की पैरवी करता रहा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी ने शरीफ को दिल्ली जाने की सलाह दी, लेकिन कई धार्मिक संगठनों और छोटे सियासी दलों की ओर से इसका विरोध हुआ। जमात उत दावा के मुखिया और 26/11 हमले के मास्टर माइंड हफीज सईद ने यात्रा का विरोध करते हुए कहा, यह कश्मीरियों के हित में नहीं होगी। पाकिस्तानी मीडिया ने नवाज को बल प्रदान किया। अखबार द डान और जंग, दोनों ने कहा कि इससे दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच नए रिश्तों की शुरुआत होगी। डेली टाइम्स ने लिखा अगर शरीफ और मोदी मिले तो पाकिस्तान को अपनी सारी बातें रखने का मौका मिलेगा।
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