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महिलाओं पर नहीं चला शाजिया का जादू

लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं की अच्छी भागीदारी रहने के बावजूद एकमात्र महिला प्रत्याशी शाजिया इल्मी उन्हें रिझाने में नाकाम रहीं। शाजिया इल्मी गाजियाबाद में महिलाओं की समस्याओं को मुद्दा नहीं बना पाईं। राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी पार्टी नरेंद्र मोदी के विरोध के अलावा कोई प्रभावशाली मुद्दा जनता के बीच नहीं रख

By Edited By: Updated: Tue, 20 May 2014 03:48 PM (IST)
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[राज कौशिक], गाजियाबाद। लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं की अच्छी भागीदारी रहने के बावजूद एकमात्र महिला प्रत्याशी शाजिया इल्मी उन्हें रिझाने में नाकाम रहीं। शाजिया इल्मी गाजियाबाद में महिलाओं की समस्याओं को मुद्दा नहीं बना पाईं। राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी पार्टी नरेंद्र मोदी के विरोध के अलावा कोई प्रभावशाली मुद्दा जनता के बीच नहीं रख सकी।

गाजियाबाद में जहां कुल मतदाताओं में 40 फीसद महिलाएं हैं, वहीं डाले गए 13,42,471 वोटों में से 54 फीसद वोट महिलाओं के थे। यानी पुरुषों से बहुत कम संख्या में होने के बावजूद उन्होंने पुरुषों के मुकाबले अधिक वोट डाले। महिलाओं की इस जागरूकता को भी एकमात्र महिला प्रत्याशी शाजिया इल्मी नहीं भुना पाईं। उन्होंने महिलाओं से जुड़ा कोई मुद्दा ही नहीं उठाया। प्रचार के पहले दिन शाजिया इल्मी ने बाकी प्रत्याशियों की तरह दूधेश्वर नाथ मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की थी। इसका कुछ मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने तीव्र विरोध किया तो शाजिया ने पूरा ध्यान मुस्लिम आबादी के बीच ही प्रचार में लगा दिया। माना जा रहा है कि महिलाओं की जागरूकता के कारण ही गाजियाबाद में मत प्रतिशत बढ़ा। कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी के कारण महिलाओं ने चुनाव में ज्यादा दिलचस्पी ली। मोदी की इंदिरापुरम में हुई रैली में महिलाएं बड़ी संख्या में थीं। अगले दिन उसी मैदान में भजन गायक विनोद अग्रवाल का कार्यक्रम था। भक्ति रस में डूबी महिलाओं के बीच भी प्रमुख रूप से यही चर्चा थी कि कल इसी जगह मोदी आए थे। कई महिलाओं ने उत्साहित होते हुए विनोद अग्रवाल को भी यह बात बताई थी।

सिर्फ एक बार रही हैं महिला सांसद

गाजियाबाद [पूर्व में हापुड़] लोकसभा का इतिहास देखा जाए तो यहां सिर्फ एक बार 1962 में महिला सांसद कमला चौधरी रही हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर जीती थीं और उस समय गाजियाबाद मेरठ का ही हिस्सा था। उसके बाद 1996 में कांग्रेस ने रीटा सिंह के रूप में महिला प्रत्याशी को उतारा। वह हेलीकॉप्टर में आने-जाने के लिए खासी मशहूर हुईं। जहां उनका हेलीकॉप्टर उतरता, देखने वालों का हुजूम लग जाता मगर वह चुनाव हार गईं। तीसरी महिला प्रत्याशी के रूप में शाजिया इल्मी आईं जो 89,147 वोट पाकर पांचवें स्थान पर रहीं।

कोई महिला विधायक नहीं रहीं

गाजियाबाद में आज तक कोई महिला विधायक नहीं रहीं। जिस तरह से इस लोकसभा चुनाव में महिलाओं की भागेदारी रही है, उसे देखते हुए लग रहा है कि आने वाले समय में राजनीतिक दलों को गाजियाबाद और साहिबाबाद जैसी शहरी विधानसभा सीटों पर महिलाओं को आगे लाने और चुनाव लड़ाने के बारे में सोचना पड़ेगा।

बसपा के अलावा सब दलों में महिला पदाधिकारी

जिस पार्टी की प्रमुख ही महिला है, उस बसपा की न तो महिला विंग है और न ही मेन कमेटी में महिला पदाधिकारी। बाकी सब पार्टियों ने संगठन में महिलाओं को भागेदारी दे रखी है। गाजियाबाद में भाजपा इस मामले में पहले नंबर पर है, सपा दूसरे व कांग्रेस तीसरे पर। इस अधिक भागेदारी का लाभ भी भाजपा को मिला।

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