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शिंदे की बदजुबानी बोले, पागल मुख्यमंत्री हैं केजरीवाल

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बदजुबानी का सिलसिला शुरू हो गया है। दिल्ली में धरने के दौरान अरविंद केजरीवाल की तरफ से तल्ख भाषा के प्रयोग पर आम आदमी पार्टी को भाषाई मर्यादा समझा रही कांग्रेस के वरिष्ठतम मंत्री सुशील कुमार शिंदे भी संयम खो बैठे। शिंदे ने महाराष्ट्र के एक कार्यक्रम में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को पागल करार देकर एक बार फिर कांग्रेस को असहज कर डाला।

By Edited By: Updated: Thu, 23 Jan 2014 07:38 AM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बदजुबानी का सिलसिला शुरू हो गया है। दिल्ली में धरने के दौरान अरविंद केजरीवाल की तरफ से तल्ख भाषा के प्रयोग पर आम आदमी पार्टी को भाषाई मर्यादा समझा रही कांग्रेस के वरिष्ठतम मंत्री सुशील कुमार शिंदे भी संयम खो बैठे। शिंदे ने महाराष्ट्र के एक कार्यक्रम में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को पागल करार देकर एक बार फिर कांग्रेस को असहज कर डाला। शिंदे ने साफ कहा कि दिल्ली में येड़ा (पागल) मुख्यमंत्री का आंदोलन चल रहा था, इसलिए पुलिसवालों की छुट्टियां रद करनी पड़ीं। शिंदे के इस बयान से सकते में आई कांग्रेस ने तो पूरे मामले से कन्नी काट ली, वहीं आप ने पूछा कि क्या गृह मंत्री अपनी भाषा पर माफी मांगेंगे?

दरअसल, दिल्ली में तीन पुलिस वालों के निलंबन की मांग को लेकर धरने पर बैठे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री शिंदे पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने पूर्व गृह सचिव व भाजपा में शामिल हुए आरके सिंह के आरोपों को पुष्ट करते हुए कहा था कि पुलिस वालों के तबादले और नियुक्ति में शिंदे को रिश्वत मिलती है। इसके अलावा धरनास्थल की जगह बदलने के गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर भी केजरीवाल ने बेहद तल्ख भाषा इस्तेमाल की थी।

केजरीवाल ने कहा था, 'शिंदे कौन है? मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं। मैं तय करूंगा कि कहां बैठना है।' केजरीवाल के इस बयान की सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक हलकों में खूब आलोचना हुई थी और चुटकी भी ली गई थी। कांग्रेस ने केजरीवाल को भाषाई संयम की ताकीद की थी और भाजपा ने कहा था कि कल तक वह आम आदमी थे, अब मुख्यमंत्री बता रहे हैं। बहरहाल केजरीवाल ने शिंदे को तानाशाह तक करार दिया था। दिल्ली की हाड़तोड़ ठंडक में हुए सियासी वार का जवाब शिंदे ने अपने गृह राज्य महाराष्ट्र में जाकर दिया। नांदेड़ में वह पहुंचे तो मराठी में भाषण देते हुए ऐसा रौ में बहे कि वह सारी मर्यादाएं तोड़ गए। शिंदे ने केजरीवाल को पागल करार देते हुए चुटकी ली कि जब मैं पीएसआइ था, तब मुझे अपने हनीमून के लिए भी छुट्टियां नहीं मिलीं थीं।

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शिंदे के बयान से असहज कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देने से इन्कार कर दिया है। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा, 'शिंदे एक परिपक्व नेता हैं। मैंने उनका यह बयान नहीं सुना इसलिए कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा।' वहीं आम आदमी पार्टी भी शिंदे पर जवाबी हमला करने से कतराई। पार्टी नेता गोपाल राय ने कहा, 'शिंदे समझदार हैं। उनके बयान पर क्या टिप्पणी करें?' हालांकि उन्होंने यह जरूर जोड़ा कि उनके नेता कुमार विश्वास ने तो अपने कथन के लिए माफी मांग ली है, क्या शिंदे मांगेंगे?

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