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शिवसेना की खरी-खरी पर शाह ने की अपील, उद्धव से फोन पर की बात

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा शिवसेना में खींचतान अब भी जारी है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए जहां भाजपा को इस मुद्दे पर आइना दिखाने की कोशिश की है वहीं धमकी भरे लहजे में यह भी बताने की कोशिश की है कि दिल्ली तुम्हारी है तो महाराष्ट्र हमारा है। इसमें क

By Edited By: Updated: Mon, 22 Sep 2014 02:21 PM (IST)
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मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा शिवसेना में खींचतान अब भी जारी है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए जहां भाजपा को इस मुद्दे पर आइना दिखाने की कोशिश की है। वहीं धमकी भरे लहजे में यह भी बताने की कोशिश की है कि 'दिल्ली तुम्हारी है तो महाराष्ट्र हमारा है। इसमें कोई दखल हमें मंजूर नहीं'।

इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख से फोन पर बात कर इस मुद्दे पर लचीला रुख अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि जिन सीटों पर भाजपा और शिवसेना कभी नहीं जीती हैं ऐसी करीब 59 सीटों पर विचार करना चाहिए। शाह ने उन्हें सीटों के बंटवारे पर पुनर्विचार करने और गठबंधन को बनाए रखने की भी अपील की है।

उधर, राजीव प्रताप रूडी ने कहा है कि यदि शिवसेना को उनका प्रस्ताव मंजूर नहीं है तो फिर पार्टी महाराष्ट्र के चुनावी समर में अकेले उतरने को भी तैयार है। लेकिन पार्टी चाहती है कि गठबंधन बरकरार रहे। खबर यह भी है कि भाजपा ने 119 और शिवसेना ने 151 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं।

दरअसल आज प्रकाशित सामना के संपादकीय में शिवसेना ने भाजपा को खरी-खरी भी सुनाई है। इसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के हवाले से कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में तुम्हारे मिशन 272 के लिए तन-मन-धन लगाकर काम किया। अब विधानसभा में हमारा भी मिशन 150 है। दिल्ली तुम संभालो, लेकिन महाराष्ट्र में हमें शासन करने दो।

शिवसेना ने भाजपा को कहा है गठबंधन का सम्मान करना चाहिए क्योंकि शिवसेना का महाराष्ट्र में मिशन 150 है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ने कहा है कि जिस तरह से लोकसभा चुनावों में भाजपा के 'मिशन 272' में शिवसेना ने खलल नहीं डाला, उसी तरह भाजपा को अब महाराष्ट्र चुनाव में शिवसेना के 'मिशन 150' का सम्मान करना चाहिए।

सामना के संपादकीय में दर्ज शिवसेना के इन बयानों से गठबंधन की राजनीति कर रही भाजपा का गंभीर होना लाजमी है। दरअसल कई दिनों की माथापच्ची के बावजूद शिवसेना भाजपा को 119 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं जबकि भाजपा 130 सीटों पर अड़ी हुई है। पहले मुंबई और फिर दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर विचार विमर्श के कई दौर हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हो सका है।

आज भी इस बाबत एक बैठक होनी है जिसमें प्रधानमंत्री समेत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कई अन्य नेता इस मुद्दे पर फिर विचार करेंगे। हालांकि, सूत्र बताते हैं कि भाजपा में कई नेता गठबंधन बनाए रखने के पक्ष में हैं।

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