Move to Jagran APP

शिवसेना ने दी फडनवीस को बधाई, एनसीपी से समर्थन पर चेताया

महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद से ही शिवसेना के तेवर नरम पडते दिखाई दे रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से

By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 30 Oct 2014 10:54 AM (IST)
Hero Image

मुंबई। महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद से ही शिवसेना के तेवर नरम पडते दिखाई दे रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार शिवसेना अपने मुखपत्र सामना में इस बात का संकेत भी दे रही है। चुनाव परिणाम से पहले शिवसेना ने भले ही भाजपा पर करारा प्रहार किया हो लेकिन अब वह इससे स्‍पष्‍ट तौर पर बचती हुई दिखाई दे रही है। सामना के ताजा अंक में शिवसेना ने भाजपा की ओर से नामित देवेंद्र फडनवीस का बतौर मुख्‍यमंत्री स्‍वागत करते हुए कहा है कि यह अखंड महाराष्‍ट्र के लिए बेहद खुशी का क्षण है कि महाराष्‍ट्र का ही एक इंसान बतौर सीएम शपथ लेने जा रहा है।

शिवसेना ने अपने संपादकीय में राज्‍य के नए मुख्‍यमंत्री को बधाई देने के साथ साथ एनसीपी से समर्थन लेने पर आगाह भी किया है। संपादकीय में लिखा गया है कि जिस विदर्भ से वह आते हैं वहां पर एनसीपी ने भ्रष्‍टाचार के नए कीर्तिमान स्‍थापित किए। इन्‍हें देवेंद्र समेत अन्‍य भाजपा नेताओं की वजह से ही सामने लाया भी गया। ऐसे में यदि भाजपा एनसीपी से समर्थन लेती है तो यह राज्‍य की जनता के साथ अन्‍याय होगा। इसमें फडनवीस के उस पल को भी सराहा गया है जब उनकी आंखें दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे को याद कर नम हो गईं।

अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि विदर्भ में काला सोना है। इसलिए यहां के अमीर लोग इसको अलग करना चाहते हैं। लेकिन अब चूंकि विदर्भ का सुपुत्र ही राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनने जा रहा है तो उम्‍मीद है कि वह ऐसा नहीं होने देगा और राज्‍य का मान हर स्‍तर पर बढाएगा। इसमें एक बार फिर से राज्‍य के नए मुख्‍यमंत्री को हर स्‍तर पर समर्थन देने और उनका स्‍वागत करने की बात दोहराई है।

चुनाव परिणाम के बाद सामना के प्रकाशित अंकों में शिवसेना लगातार नरम रुख दिखा रही है। वहीं दूसरी ओर भाजपा को समर्थन देने के मुद़दे पर शिवसेना ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। खबर यहां तक है कि भाजपा मंत्रिमंडल में शिवसेना को दो पद देने के लिए भी राजी हो गई है। इस सभी के बीच संभावना यह जताई जा रही है कि शिवसेना आज शाम तक इस बाबत कोई फैसला ले सकती है। वहीं दूसरी ओर एनसीपी नेता माजिद मेनन ने कहा है कि चुनाव पूर्व शिवसेना ने भाजपा पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। लेकिन अब वही गिरगिट की तरह रंग बदल रही है, जिस पर विश्‍वास नहीं किया जाना चाहिए।

आज का दिन महाराष्‍ट्र की राजनीति में काफी अहम माना जा रहा है क्‍योंकि एक ओर जहां आज शिवसेना भाजपा पर कोई फैसला ले सकती है वहीं आज ही भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने मुंबई जा रहे हैं। भाजपा पहले ही यह साफ कर चुकी है कि वह शिवसेना से ही समर्थन लेने को अपनी प्राथमिकता दे रही है।

पढें शिवसेना की सबसे बडी चिंता है बीएमसी को बचाना

महासवाल : भाजपा-शिवसेना गठबंधन होगा की नहीं