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शिवराज के आपरेशन क्लीन से कांग्रेस में हड़कंप

मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के आपरेशन क्लीन ने कांग्रेस में हड़कंप मचा दिया है। भाजपा सरकार और संगठन के तालमेल से चल रहे ऑपरेशन क्लीन के तहत चुन चुन कर कांग्रेस के विधायकों को पालाबदल कराया जा रहा है। इससे सजग हुई कांग्रेस ने अब अपने विधायकों की निगहबानी शुरू कर दी है। इसके लिए का

By Edited By: Updated: Fri, 04 Apr 2014 09:12 AM (IST)

हरीश दिवेकर, भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के आपरेशन क्लीन ने कांग्रेस में हड़कंप मचा दिया है। भाजपा सरकार और संगठन के तालमेल से चल रहे ऑपरेशन क्लीन के तहत चुन चुन कर कांग्रेस के विधायकों को पालाबदल कराया जा रहा है। इससे सजग हुई कांग्रेस ने अब अपने विधायकों की निगहबानी शुरू कर दी है। इसके लिए कांग्रेस ने अपना खुफिया तंत्र सक्रिय कर दिया है।

बताते हैं कि राज्य को कांग्रेस विहीन बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा के संगठन महामंत्री अरविंद मेनन ने विधानसभा चुनाव से पूर्व आपरेशन क्लीन मुहिम शुरू की है। हालत यह है कि मुख्यमंत्री चौहान और संगठन महामंत्री मेनन कब किस कांग्रेस विधायक से मिल कर क्या प्रलोभन दे रहे हैं। इसकी कांग्रेस के नेता तो दूर भाजपाईयों को भी भनक नहीं लग पा रही है। इस मुहिम में शिवराज के भरोसेमंद और प्रबंधन में माहिर स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा को शामिल किया गया है। बताते हैं कि शिवराज-मेनन के निर्देश पर नरोत्तम ने सबसे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता राकेश चौधरी पर डोरे डाले और उन्हें मुख्यमंत्री और मेनन से मिलवाकर भाजपा में शामिल करवा दिया। प्रदेश कांग्रेस में विधानसभा कामकाज के पंडित माने जाने वाले चौधरी राकेश सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद से कांग्रेसियों का भाजपा में आने का जो अनवरत सिलसिला चालू हुआ है वह थमने का नाम नहीं ले रहा है।

ऑपरेशन क्लीन को सफल बनाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। बताया जाता है कि उनके प्रयासों के चलते कांग्रेस के एक ओर दिग्गज नेता उदय प्रताप सिंह को भी भाजपा में शामिल किया गया। पहले से नर्मदापुरम संभाग में कमजोर कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका था। भाजपा ने उन्हें होशंगाबाद से अपना प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस की मुसीबत ओर बढ़ा दी। कांग्रेस द्वारा भिंड लोकसभा से भागीरथ प्रसाद का जैसे ही नाम फाइनल किया वैसे ही भाजपा ने भागीरथ को अपनी पार्टी में शामिल कर उन्हें भिंड से अपना प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस को एक ओर जोर का झटका धीरे से दिया।

इन झटकों से कांग्रेस अभी उबर भी नहीं पाई थी कि महाकौशल क्षेत्र के युवा विधायक संजय पाठक ने भी पार्टी को अलविदा कह भाजपा का दामन थाम लिया। बुंदेलखंड के कांग्रेस विधायक दिनेश अहिरवार को भी भाजपा में शामिल करा लिया गया।

इन पर भी डाले थे डोरे

ऑपरेशन क्लीन के चलते भाजपा के मैनेजमेंट गुरू नरोत्तम मिश्रा ने अन्य दिग्गज कांग्रेसियों पर भी डोरे डाले थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। इनमें प्रमुख रूप से पोहरी के विधायक केपी सिंह कक्काजू का नाम शामिल हैं। बताते हैं कि केपी सिंह ने भाजपा में शामिल होने के लिए ग्वालियर से सांसद के टिकट की मांग रखी थी। भाजपा ने उन्हें वहां से छोड़कर अन्यत्र जगह से टिकट देने की बात कही, लेकिन बात न पटने पर मामला खटाई में चला गया। इसी तरह लहार के बाहुबली विधायक गोविंद सिंह से भी भाजपा की लंबी चर्चा चली, लेकिन यहां भी सिंह की शर्तो के कारण भाजपा पीछे हट गई। इसी तरह विदिशा से कांग्रेस के दिग्गज नेता राजकुमार पटेल को भी भाजपा में शामिल करने का प्रयास हुआ था, लेकिन यहां भी मामला नहीं जम पाया।

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