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भारत की चीन को सलाह, दक्षिण चीन सागर पर करे कोर्ट के आदेश का सम्‍मान

भारत ने चीन को दक्षिण चीन सागर पर आए फैसले का सम्‍मान करने को कहा है। साथ ही भारत ने चीन से इसका शांतिपूर्ण समाधान खोजने पर भी जोर दिया है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 26 Jul 2016 10:07 PM (IST)
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विएंतियाने (लाओस) (रॉयटर)| दक्षिण चीन सागर पर आसियान के कमजोर रुख के बाद भारत सहित कई देशों ने इससे जुड़े सभी पक्षों से कानून का सम्मान करने को कहा है। साथ ही विवाद के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया है। अमेरिका ने पहली बार इस विवाद में तटस्थ भूमिका निभाने की भी बात कही है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण चीन सागर में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ चीन के विवाद में अमेरिका का कोई रूख नहीं है। वह चाहता है कि सभी पक्ष कानून का पालन करें। उन्होंने कहा कि फिलीपींस की याचिका पर आया अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण का फैसला आखिरी और बाध्यकारी है।

यह अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित है। वे लाओस की मेजबानी में हो रहे आसियान सम्मेलन से इतर पत्रकारों से बात कर रहे थे। इससे पहले अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ संयुक्त बयान जारी कर इस क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां रोकने और अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान की अपील की थी। दूसरी ओर, सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने सभी पक्षों से कानून का सम्मान करने और तनाव बढ़ाने वाली गतिविधियों से बचने की अपील की।

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उन्होंने दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता को शांति, स्थिरता, समृद्धि और विकास के लिए जरूरी बताया। गौरतलब है कि 12 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को खारिज कर दिया था। लेकिन, चीन इस फैसले को मानने से इन्कार कर रहा है। सोमवार को आसियान ने इस मसले पर काफी कमजोर रुख दिखाया था। 10 सदस्यीय इस समूह के कई देशों के साथ चीन का दक्षिण चीन सागर में अधिकार को लेकर विवाद है।

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