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सिंहल, तोगड़िया समेत 1042 रिहा

जागरण न्यूज नेटवर्क, लखनऊ। चौरासी कोसी परिक्रमा के सिलसिले में गिरफ्तार विश्व हिंदू परिषद प्रमुख अशोक सिंहल, विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया, पूर्व सांसद राम विलास वेदांती और पूर्व मंत्री लल्लू सिंह समेत 1042 लोगों को सोमवार को रिहा कर दिया गया। अब तक कुल 2601 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें से 155

By Edited By: Updated: Tue, 27 Aug 2013 04:51 AM (IST)
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जागरण न्यूज नेटवर्क, लखनऊ। चौरासी कोसी परिक्रमा के सिलसिले में गिरफ्तार विश्व हिंदू परिषद प्रमुख अशोक सिंहल, विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया, पूर्व सांसद राम विलास वेदांती और पूर्व मंत्री लल्लू सिंह समेत 1042 लोगों को सोमवार को रिहा कर दिया गया। अब तक कुल 2601 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें से 1559 लोग अभी जेल में निरुद्ध हैं। सभी लोगों को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर रिहा किया गया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के गृह सचिव ने सिंहल से शांति व्यवस्था को खतरा न होने की बात कही थी।

सिंहल और 957 लोगों को दिन में रिहा कर दिया गया था। इसके बाद सिंहल दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। जबकि तोगड़िया, वेदांती और लल्लू सिंह को फैजाबाद से एटा की जेल के लिए रवाना कर दिया गया था। देर रात उन्हें भी एटा से रिहा कर दिया गया। इससे पहले सोमवार को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने विहिप नेता अशोक सिंहल, प्रवीण तोगड़िया और जगद्गुरु राम भद्राचार्य की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए उप्र सरकार को उनकी रिहाई का आदेश दिया था। यह आदेश जस्टिस इम्तियाज मुर्तजा और जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय की पीठ ने दिया। इस बाबत याचिका अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि विहिप नेताओं पर जो धाराएं आरोपित की गई हैं उनमें आरोपी को 24 घंटे से ज्यादा निरुद्ध नहीं रखा जा सकता है। अदालत ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए मामले की अगली सुनवाई मंगलवार 27 अगस्त को नियत की है।

प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि रविवार को लखनऊ, कानपुर, औरैया, बाराबंकी, गाजीपुर, बुलंदशहर, झांसी, अलीगढ़ समेत प्रदेश भर से लोगों की गिरफ्तारी की गई। कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि अयोध्या की सीमाएं फिलहाल सील हैं। यह स्थिति कब तक रहेगी इस बारे में उन्होंने कुछ भी नहीं बताया।

'परिक्रमा को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफ्तार करने का तरीका अमानवीय रहा। सरकार के दमनकारी कृत्य से साधु-संतों का मनोबल कमजोर नहीं होगा। निर्धारित कार्यक्रमानुसार 13 सितंबर तक संतों की परिक्रमा जारी रहेगी।'

- अशोक सिंहल, संरक्षक, विश्व हिंदू परिषद।

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