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पवन बंसल के घर और दफ्तर से डील करता था सिंगला

रेल मंत्रलय से पवन बंसल की विदाई के बाद सीबीआइ को घूस कांड से जुटे सुबूत जुटाने में मदद मिलेगी। बंसल और रिश्वत लेते पकड़े गए उनके भांजे विजय सिंगला के संबंध बहुत ही गहरे हैं।

By Edited By: Updated: Sat, 11 May 2013 07:44 AM (IST)

नई दिल्ली, [नीलू रंजन]। रेल मंत्रलय से पवन बंसल की विदाई के बाद सीबीआइ को घूस कांड से जुटे सुबूत जुटाने में मदद मिलेगी। बंसल और रिश्वत लेते पकड़े गए उनके भांजे विजय सिंगला के संबंध बहुत ही गहरे हैं। लेकिन, रेल मंत्रलय और बंसल के आवास पर तैनात कर्मचारी व अधिकारी इस बारे में जांच अधिकारियों को कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे। वैसे सीबीआइ के पास सिंगला के मोबाइल की लोकेशन का विस्तृत ब्यौरा है, जिससे साबित होता है कि वह रेल मंत्री के आवास के साथ रेल भवन स्थित उनके दफ्तर से भी रिश्वत लेन-देन की बात कर रहा था।

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सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार रेल घूस कांड में सिंगला के साथ खुद बंसल भी बराबर के भागीदार हैं। उन्हीं के निर्देश पर सिंगला, महेश कुमार और मंजूनाथ से रिश्वत की बात कर रहा था। सिंगला के मोबाइल की लोकेशन से स्पष्ट हो जाता है कि आरोपियों के साथ कई बार संपर्क के समय वह बंसल के घर या दफ्तर में मौजूद था। बंसल को इस संबंध में सीबीआइ के सवालों का जवाब देना होगा।

जांच एजेंसी ने पिछले दो महीने में आठ आरोपियों के करीब 1000 फोन कॉल रिकार्ड किए, जिनमें 500 कॉल बेहद अहम हैं। लेकिन, इनमें से एक भी कॉल सिंगला और बंसल के बीच की नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 'जब सिंगला खुद बंसल के साथ मौजूद था तो फिर कॉल करने की जरूरत क्या थी?' जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, रेल मंत्रलय और बंसल के आवास पर तैनात कर्मचारी व अधिकारी अच्छी तरह जानते हैं कि सिंगला, बंसल के घर और दफ्तर में अक्सर देखा जाता था।

लेकिन, रेल मंत्री के डर से इस संबंध में कोई भी सीबीआइ के सामने खुलकर बोलने को तैयार नहीं था। रेल मंत्री के घर सिंगला का बेरोकटोक आना-जाना था। रेल भवन में निजी लोगों के जाने के लिए पास बनाना पड़ता है। सीबीआइ शुक्रवार को रेल भवन के विजिटर रजिस्टर को अपने कब्जे में लेकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सिंगला रेल मंत्रलय में कब-कब और कितनी बार आया था?

आशंका यह भी है कि आरपीएफ की सुरक्षा होने के कारण सिंगला को मंत्रलय में सीधे प्रवेश मिल जाता रहा होगा। सीबीआइ अधिकारियों के मुताबिक रेलवे बोर्ड में बतौर सदस्य (स्टाफ) नियुक्ति संबंधी महेश कुमार की फाइल 16 अप्रैल को बंसल से सीधी बात होने के बाद ही आगे बढ़ी। पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में महेश कुमार ने इसी दिन बंसल को हेलीकॉप्टर में मुंबई और आसपास के इलाके का भ्रमण कराया था। इसके अगले ही दिन महेश की प्रोन्नति की फाइल आगे बढ़ गई।

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