सर, ट्रेन की खिड़की में कोई शख्स लटका है, दिखवा लीजिए
ट्रेन की खिड़की में यात्री सुमित को बांधकर मारने की जानकारी जबलपुर मंडल के अधिकारियों को 25 मार्च की रात में ही मिल गई थी।
जबलपुर। ट्रेन की खिड़की में यात्री सुमित को बांधकर मारने की जानकारी जबलपुर मंडल के अधिकारियों को 25 मार्च की रात में ही मिल गई थी। सोनतलाई स्टेशन के प्वाइंट्समैन ने ड्यूटी के दौरान ट्रेन की खिड़की से एक यात्री को लटकते देखा था। उसने तत्काल इसकी जानकारी स्टेशन मास्टर और कंट्रोल रूम को दी, लेकिन अधिकारियों ने उस समय इसे कोई तवज्जो नहीं दी। बाद में मामला बढ़ता देख इस जानकारी को रिकॉर्ड में न लाने को कहा गया। पश्चिम मध्य रेलवे के एजीएम और सीसीएम ने इस मामले की जांच के लिए एक ज्वाइंट एक्शन कमेटी बनाई है।
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मंडल के एसडीओपी ने प्वाइंट्मैन व स्टेशन मास्टर को बुलाया और इस जानकारी को कहीं भी देने से मना कर दिया। गुर्रा स्टेशन के पहले भी ट्रेन रुकी थी। यह बात मंडल के अधिकारियों को पता थी, लेकिन रिकॉर्ड में न होने के कारण उन्होंने इसे दबा दिया।
गौरतलब है कि 25 मार्च को ट्रेन में सफर के दौरान दूसरे की बोतल से पानी पी लेने पर एक युवक को ट्रेन की खिड़की से लटकाकर पीटने का दिल दहलाने वाला मामला सामने आया था। पीडि़त युवक जबलपुर से बैठा था। इस बात पर पटना निवासी आरोपी युवक उसे इटारसी स्टेशन तक पीटते हुए लाए, जहां वेंडरों ने उसे बचाया था।
आरपीएफ डीआइजी बोले, ऐसा संभव ही नहीं
आरपीएफ डीआइजी आरके मलिक ने सुमित को जबलपुर से इटारसी तक कोच के बाहर बांधकर लाने के सवाल से इन्कार करते हुए कहा कि इतनी लंबी दूरी से उसे लाने में उसकी मौत हो सकती थी, क्योंकि रास्ते में कई बोगदे, पुल आते हैं। उन्होंने कहा कि गुर्रा में 25 मिनट ट्रेन की है। संभवत: यही आरोपियों ने उसे बाहर बांधा होगा।
जांच अधिकारी निलंबित
इस मामले में रेल पुलिस अधीक्षक अवधेशपुरी गोस्वामी ने जांच में हुई लापरवाही को लेकर जांच अधिकारी एएसआइ केएस जादौन को निलंबित कर दिया है। इससे पहले जीआरपी के एक एएसआइ अनिल राय और आरक्षक मधुसूदन को निलंबित किया जा चुका है।