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छोटे करदाताओं को दोहरी राहत, नहीं बढ़ाई आयकर से छूट की सीमा

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपेक्षानुरूप कदम उठाते हुए आम बजट 2016-17 में आयकर से छूट की सीमा तो नहीं बढ़ाई, लेकिन छोटे करदाताओं को राहत जरूर देने में सफल रहे।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Mon, 29 Feb 2016 06:22 PM (IST)
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपेक्षानुरूप कदम उठाते हुए आम बजट 2016-17 में आयकर से छूट की सीमा तो नहीं बढ़ाई, लेकिन छोटे करदाताओं को राहत जरूर देने में सफल रहे। उन्होंने दो करोड़ छोटे करदाताओं को दोहरी टैक्स राहत भी दी जिससे पांच लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले करदाताओं को सालभर में 6600 रुपये का लाभ होगा।

जेटली ने लोक सभा में अपना तीसरा आम बजट पेश करते हुए छोटे करदाताओं को बड़ी राहत दी। उन्होंने कहा कि कहा कि ऐसे करदाताओं को अब आयकर कानून की धारा 87ए के तहत कर में 5000 रुपये की छूट मिल सकेगी। अब तक यह सीमा मात्र दो हजार रुपये थी। इस घोषणा से दो करोड़ करदाताओं का फायदा होगा।

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वित्त मंत्री ने उन करदाताओं को भी राहत दी जिनके पास अपना मकान नहीं है और जो किराये के मकान में रहते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास अपना मकान नहीं है और जिन्हें अपने नियोक्ता से आवास का भत्ता भी नहीं मिलता है वैसे करदाता अब आयकर कानून की धारा 80जीजी के तहत 60,000 रुपये सालाना कर कटौती का लाभ ले सकेंगे। अब तक यह यह सीमा मात्र 24,000 रुपये सालाना थी। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो किराए के मकान में रहते हैं।

राजस्व सचिव हसमुख अढिया का कहना है कि टैक्स में छूट की सीमा दो हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये करने से छोटे करदाताओं को तीन हजार रुपये का लाभ होगा। वहीं किराए के ऐवज में कटौती की सीमा बढ़ाकर 60,000 रुपये करने से करदाताओं को 3600 रुपये का लाभ हेागा। इस तरह इन दोनों उपायों से छोटे करदाताओं को 6600 रुपये का लाभ होगा।

नहीं बढ़ाई आयकर से छूट की सीमा

वित्त मंत्री ने हालांकि आयकर से छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये पर ही बरकरार रखी। आर्थिक समीक्षा 2015-16 में भी सरकार को कर से छूट की सीमा न बढ़ाने की सलाह दी गई थी।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका पांडेय का कहना है कि वित्त मंत्री ने कर प्रस्तावों में संतुलन बनाते हुए लोकलुभावन घोषणाओं से बचने की कोशिश की है। धनाढ्य लोगों पर कर का बोझ बढ़ेगा वहीं आम लोगों तथा छोटे करदाताओं को राहत मिलेगी।

वित्त मंत्री ने आयकर कानून की धारा 44एडी के तहत प्रीज्युम्टिव टैक्स योजना के तहत आने वाले एमएसएमई कारोबारियों के लिए मौजूदा एक करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर दो करोड़ रुपये की घोषणा भी की है।

व्यक्तिगत आयकर की नई स्लैब इस प्रकार हैं:

आय सीमा कर की दर प्रतिशत में

2,50,000 रुपये तक शून्य

2,50,001 से 5,00,000 10

5,00,000 से 10,00,000 20

10,00,000 रुपये से अधिक 30

साठ से 80 वर्ष की आयु के लोगों के लिए

3,00,000 रुपये तक शून्य

3,00,000 से 5,00,000 10

5,00,000 से 10,00,000 20

10,00,000 से अधिक 30

अस्सी वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए

5,00,000 रुपये तक शून्य

5,00,000 से 10,00,000 20

10,00,000 से अधिक 30