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सोशल साइट यूजर्स ने मनाया स्वतंत्रता दिवस

'फेसबुक, ट्विटर यूजर्स के लिए यह दिन स्वतंत्रता दिवस जैसा है।'सुप्रीम कोर्ट द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आइटी) की धारा 66ए को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद खुशी का इजहार करते हुए सोशल नेटवर्किंग साइटें ऐसे संदेशों से पट पड़ीं।

By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Tue, 24 Mar 2015 07:38 PM (IST)
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नई दिल्ली [जेएनएन]। 'फेसबुक, ट्विटर यूजर्स के लिए यह दिन स्वतंत्रता दिवस जैसा है।'सुप्रीम कोर्ट द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आइटी) की धारा 66ए को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद खुशी का इजहार करते हुए सोशल नेटवर्किंग साइटें ऐसे संदेशों से पट पड़ीं।

लोगों ने कहा कि अभिव्यक्ति के अधिकार को छीनने के लिए सरकार ने तैयारी तो पूरी की थी पर कोर्ट से उसे मुंह की खानी पड़ी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संबंध में लोकतंत्र और संविधान की जीत बताते हुए इसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया।

आरती ने ट्विटर पर पोस्ट किया 'जो राजनेता अब तक धारा 66ए को थोपने में लगे थे, वे ही अब इसके निरस्त होने का स्वागत कर रहे हैं।' अवनीत डांग ने लिखा 'यदि कोई व्यक्ति सोशल साइट पर पोस्ट नहीं बर्दाश्त कर सकता उसे सार्वजनिक जीवन जीने का कोई अधिकार नहीं है।'

फेसबुक पर अमित ने कमेंट किया 'सरकार ने तो लोगों के अभिव्यक्ति के अधिकार को क्षति पहुंचाने की पूरी कोशिश की थी पर सुप्रीम कोर्ट ने इसकी रक्षा की है। लगता है कि सुप्रीम कोर्ट ही एकमात्र ऐसी संस्था है जिसे संविधान में आस्था है।' इस मसले पर राहुल कुमार ने फेसबुक पर लिखा 'धारा 66ए के गलत इस्तेमाल के अब तक जो भी मामले आए हैं, उसमें कहीं न कहीं सरकारें ही लिप्त रही हैं। तभी तो राजनेता इसका पक्ष लिया करते थे।'

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीनने का आरोप लगाते हुए कुछ लोगों ने राजनीतिक दलों को भी नहीं बख्शा। वेणु ने ट्वीट किया 'धारा 66ए कांग्रेस लेकर आई और भाजपा ने इसका समर्थन किया। भला हो सुप्रीम कोर्ट का जिसने लोगों को राहत दी है।'

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