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राहुल की प्रोन्नति पर कांग्रेस में ही उठने लगे सवाल

कांग्रेस के युवा चेहरा राहुल गांधी की प्रोन्नति पार्टी में सभी को रास नहीं आ रही है। उन्हें पार्टी में नंबर दो का दर्जा दिए जाने की पद्धति पर महाराष्ट्र के कुछ कांग्रेसियों के मन में अंदर ही अंदर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि कांग्रेस में गांधी परिवार की हनक के आगे कोई खुलकर बोलने के

By Edited By: Updated: Mon, 21 Jan 2013 09:03 AM (IST)

मुंबई [ओम प्रकाश तिवारी]। कांग्रेस के युवा चेहरा राहुल गांधी की प्रोन्नति पार्टी में सभी को रास नहीं आ रही है। उन्हें पार्टी में नंबर दो का दर्जा दिए जाने की पद्धति पर महाराष्ट्र के कुछ कांग्रेसियों के मन में अंदर ही अंदर सवाल उठने लगे हैं।

हालांकि कांग्रेस में गांधी परिवार की हनक के आगे कोई खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन नाम न जाहिर करने की शर्त पर लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि एक राष्ट्रीय पार्टी के लिए इतना महत्वपूर्ण निर्णय सिर्फ 350 लोगों ने कैसे ले लिया। राहुल को उपाध्यक्ष बनाने के फैसले में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के करीब 1200 और विभिन्न प्रदेश कार्यसमितियों के तकरीबन 12,000 से ज्यादा प्रतिनिधियों को सहयोगी क्यों नहीं बनाया गया। जयपुर के चिंतन शिविर में बुलाए गए 350 प्रतिनिधियों में भी ज्यादा संख्या युवक कांग्रेस एवं राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) की रही। जबकि इन दोनों फ्रंटल संगठनों का संविधान एआइसीसी के संविधान से बिल्कुल अलग है।

राहुल गांधी को नंबर दो का दर्जा देते समय पार्टी के अधिकांश प्रतिनिधियों को इस फैसले से अलग रखने पर भी कुछ और सवाल उठ रहे हैं। मसलन क्याइस फैसले पर हाईकमान को सभी का समर्थन मिलने की उम्मीद नहीं थी। पार्टी केपुराने वफादार यह भी महसूस कर रहे हैं कि कथित राहुल ब्रिगेड के चक्कर मेंइंदिरा एवं राजीव गांधी केसमय से पार्टी केवफादार रहे नेताओं को नजरंदाज किया जा रहा है। ताकि राहुल के सामने भविष्य में कोई उस तरह चुनौती न दे सके, जैसे सोनिया गांधी को कभी शरद पवार ने चुनौती दी थी। माना जा रहा है किइसी वजह से अपने राज्यों में जनाधार रखनेवाले जगनमोहन रेड्डी जैसे युवाओं को दरकिनार कर ऐसे युवा नेताओं को सामने लाया जा रहा है, जिनकी अपने समाज पर ही पकड़ मजबूत नहीं है।

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