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झारखंड की कोयला खदानों पर भाजपा की नजर: सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी। कहा कि झारखंड के कोयला की खदानों पर भाजपा की नजर है। भाजपा कोयला खदानों का निजीकरण कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां पूजीपंतियों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाएं प्रभावी

By Sudhir JhaEdited By: Updated: Sat, 29 Nov 2014 07:58 PM (IST)
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पटमदा [राघवेंद्र]। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी। कहा कि झारखंड के कोयला की खदानों पर भाजपा की नजर है। भाजपा कोयला खदानों का निजीकरण कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां पूजीपंतियों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाएं प्रभावी की जाती हैं और गरीब व असहाय लोगों के आशियाने उजाड़े जाते हैं। आखिर भाजपा किस मुंह से आदिवासियों के हित की बात करती है। सोनिया गांधी शनिवार को जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के पटमदा जल्ला कॉलेज मैदान में चुनावी सभा को संबोधित कर रही थीं।

सोनिया गांधी ने कहा कि हम झारखंड को विकसित राज्य बनाना चाहते हैं। हम यहां की प्राकृतिक दौलत से यहां के लोगों के जीवन को उन्नत व खुशहाल बनाना चाहते हैं। झारखंड में सबसे अधिक भाजपा ने शासन किया लेकिन यहां की जनता ठगी जाती रही। खेती के लिए सिंचाई तक की व्यवस्था नहीं हुई। कांग्रेस भाजपा की तरह समाज में भेदभाव नहीं करती है।

भाजपा के नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं आपको बरगलाते हैं, झूठे सपने दिखाते हैं और जो कहते हैं, उसके विपरीत काम करते है। सोनिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए कहा, भाजपा सरकार ने 100 दिनों में विदेशों से कालाधन लाने की बात कही थी। देश के हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपये डाले जाने थे लेकिन कुछ नहीं हुआ। सोनिया ने कहा, कालाधन जहां था, आज भी वहीं है। 15 लाख की बात तो छोड़ दीजिए।

भाजपा ने देश के बेरोजगार युवकों को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन सत्ता में आते ही वह इसे भी भूल गई। जनधन-योजना के तहत बैंकों में सात करोड़ खाते खोले गए। इसमें पांच करोड़ लोगों के खाते में एक रुपया भी नहीं है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने एक बड़ी कंपनी को सौ हजार करोड़ का ऋण दिलाने का काम किया। कांग्रेस सरकार ने जीवन रक्षक दवाओं के मूल्य को कम किया था लेकिन वर्तमान सरकार ने इन नियमों में बदलाव करते हुए निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया।

भाजपा सरकार नए भूमि अधिग्रहण कानून में भी बदलाव करना चाहती है। इसमें ग्राम सभा की सहमति को हटाने का प्रयास किया जा रहा है। यह गलत है। कांग्रेस संगठित व असंगठित कामगारों के लिए काम करती रही है लेकिन भाजपा श्रम कानूनों में संशोधन कर कारोबारियों को छूट देना चाहती है। भ्रष्टाचार के खिलाफ शोर मचाने वाली भाजपा आज दोषियों को बचाना चाहती है। इस वजह से सूचना अधिकार अधिनियम तक को कमजोर करना चाह रही है।

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