अल्पसंख्यकों को हुनरमंद बनाने को सालभर का कोर्स
नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। देश में चुनावी माहौल बनने के बीच सरकार की नजर रोजगार के लिए इधर-उधर भटक रहे अल्पसंख्यकों, खासतौर से मुस्लिम समुदाय के युवाओं पर भी पहुंच गई है। अब वह उन्हें स्थानीय उद्योग-धंधों की जरूरतों के लिहाज से हुनरमंद बनाएगी। युवकों को इसके लिए एक साल पढ़ाई करनी होगी व प्रशिक्षण लेना होगा। उत्तर प्रदेश के
नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। देश में चुनावी माहौल बनने के बीच सरकार की नजर रोजगार के लिए इधर-उधर भटक रहे अल्पसंख्यकों, खासतौर से मुस्लिम समुदाय के युवाओं पर भी पहुंच गई है। अब वह उन्हें स्थानीय उद्योग-धंधों की जरूरतों के लिहाज से हुनरमंद बनाएगी। युवकों को इसके लिए एक साल पढ़ाई करनी होगी व प्रशिक्षण लेना होगा। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, अलीगढ़, बरेली, भदोही और खुर्जा से लेकर जम्मू-कश्मीर तक के स्थानीय उद्योगों के मद्देनजर उन्हें रोजगार के काबिल बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट के नये कोर्स शुरू होंगे। पास होने वालों को सर्टिफिकेट मिलेगा।
इस कार्यक्रम को और विस्तार देने की योजना है। राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्द्धन परिषद [एनसीपीयूएल] ने इस मकसद से सात कोर्स तैयार किए हैं। उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद ब्रासवेयर के काम के लिए मशहूर है तो बरेली में लकड़ी व केन के काम के लिए, बुलंदशहर का खुर्जा पॉटरी [चीनी मिट्टी] के काम में अलग स्थान रखता है। इन उद्योगों में कैसे कुशल कामगारों की जरूरत है? बेरोजगार युवाओं को उसी लिहाज से प्रशिक्षण के लिए केंद्र खुलेंगे।