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तुष्टीकरण से बढ़ रही हिंदू-मुसलमानों के बीच दूरी

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने उत्तर प्रदेश सरकार को मुस्लिम तुष्टिकरण नीति से अलग रहने की सलाह देते हुए कहा है कि इस नीति से हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विद्वेष बढ़ सकता है।

By Edited By: Updated: Thu, 19 Apr 2012 02:57 PM (IST)
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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने उत्तर प्रदेश सरकार को मुस्लिम तुष्टिकरण नीति से अलग रहने की सलाह देते हुए कहा है कि इस नीति से हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विद्वेष बढ़ सकता है।

उमा भारती ने प्रदेश सरकार द्वारा आतंकवाद की घटनाओं में हुई गिरफ्तारियों की समीक्षा के बारे में गुरुवार को यहां संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा कि मुस्लिम तुष्टीकरण नहीं होना चाहिए, इससे हिंदुओं के मन में असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है और मुसलमानों के लिए भी समस्याएं पैदा हो सकती है, जिनका कि देश में पर्याप्त सम्मान है।

प्रदेश की चरखारी विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई भारती ने प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को अमेरिका में हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि शाहरुख फिल्म अभिनेता है और मेरे लिए उनका सामाजिक दृष्टि से कोई बहुत महत्व नहीं है, लेकिन उनके साथ जो घटना हुई वह सामाजिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि कोई ऐसा काम नहीं होना चाहिए जिससे भारत में मुसलमानों को लेकर अविश्वास और विद्वेष का भाव पैदा हो। विधानसभा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में भारती ने मुस्लिम लड़कियों को दसवीं पास करने पर तीस हजार रुपये दिए जाने की योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को धार्मिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए।

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की पराजय के कारणों पर बातचीत करने से इंकार करते हुए कहा कि पार्टी में इस विषय पर काफी चर्चा और विचार विमर्श हो चुका है तथा उनकी भूमिका एक सतर्क सिपाही की थी।

यह कहते हुए कि वह प्रदेश के लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, उमा ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव की मतगणना के दिन से ही प्रदेश में ऐसी घटनाएं लगातार हो रही है, जिससे अव्यवस्था का वातावरण बनता जा रहा है और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव तथा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस तरफ विशेष ध्यान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जनता ने अपराध और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सपा को स्पष्ट जनादेश दिया है और मै उनसे आग्रह करुंगी कि वे अपने कार्यकर्ताओं को नियंत्रण में रखें। उमा ने कहा कि उन्हें ज्यादा कुछ करना भी नहीं है, यहां तक कि पुलिस की भी सहायता नहीं लेनी है, उन्हें तो बस अपने विधायकों और कार्यकर्ताओं को समझा बुझा कर उन्हें नियंत्रण में रखना है।

उन्होंने कहा कि जनता ने समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत देकर उनकी जिम्मेदारी कई गुना बढ़ा दी है, इसलिए कि अब उन्हें किसी बाहरी दबाव में काम नहीं करना है। उमा भारती ने यह भी कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार से अपराधियों के मन में भय पैदा होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि प्रदेश में हो रही अधिकांश आपराधिक घटनाओं में सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भूमिका प्रमुख रही है।

उन्होंने भाजपा में बसपा के दागी नेता बाबू सिंह कुशवाहा को शामिल किए जाने के प्रकरण और पार्टी सांसद वरुण गांधी की कतिपय टिप्पणियाें के बारे में हुए सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की इस घोषणा पर कि बसपा राज में बने स्मारकों और पार्को में खाली पड़ी जमीनों पर अस्पताल बनाए जा सकते है, भारती ने कहा कि ऐसा हो तो सकता है मगर इस संबंध वे कोई टिप्पणी सरकार की तरफ से कोई वास्तविक प्रस्ताव सामने लाए जाने पर ही टिप्पणी करेगी।

विधानसभा चुनाव में पार्टी की पराजय और उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत किए जाने के बारे में सवाल पूछे जाने पर उमा ने कहा कि हालांकि वह मुख्यमंत्री पद की दावेदार नहीं थी, लेकिन यदि मीडिया चाहे तो वह पार्टी की हार की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने को तैयार हैं।

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