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सुषमा के विरोध के बावजूद श्रीरामुलू को बेल्लारी से मिला टिकट

बीएसआर कांग्रेस के मुखिया श्रीरामुलू को भाजपा में शामिल करने पर खुलकर विरोध जताने वालीं सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को ट्वीट कर फिर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरे तीखे विरोध के बावजूद श्रीरामुलू को भाजपा में शामिल कर लिया गया है।' सुषमा

By Edited By: Updated: Sat, 15 Mar 2014 09:42 AM (IST)

नई दिल्ली/बेंगलूर। बीएसआर कांग्रेस के मुखिया श्रीरामुलू को भाजपा में शामिल करने पर खुलकर विरोध जताने वालीं सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को ट्वीट कर फिर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरे तीखे विरोध के बावजूद श्रीरामुलू को भाजपा में शामिल कर लिया गया है।'

सुषमा के विरोध को नजरअंदाज करने वाली भाजपा ने बीएसआर कांग्रेस का पार्टी में विलय तो नहीं कराया, लेकिन उसके मुखिया बी.श्रीरामुलू को अपनाने का फैसला कर लिया। अब वह भाजपा के टिकट पर बेल्लारी से चुनाव मैदान में उतरेंगे। वहीं, एक अहम घटनाक्रम में द्रमुक सुप्रीमो एम करुणानिधि के असंतुष्ट पुत्र एमके अलागिरी ने भाजपा की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अलागिरी ने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ से भेंट कर लोकसभा चुनाव में समर्थन देने का प्रस्ताव किया।

भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष प्रहलाद जोशी ने को पत्रकारों से बातचीत में कहा, श्रीरामुलू का घर वापसी पर तहेदिल से स्वागत है। वहीं, श्रीरामुलू ने वरिष्ठ नेताओं की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा, उन्हीं की वजह से मेरी भाजपा में वापसी हो सकी है। उन्होंने कहा, आत्मसम्मान को ठेस लगने पर बीएसआर कांग्रेस का गठन किया किया था लेकिन देश से बढ़कर कुछ भी नहीं है, जो इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है।

मोदी को पीएम बनाने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि देश को कठिनाई के दौर से निकालने के लिए हमें निजी हितों को दरकिनार कर देशहित में मिलकर काम करना है। ज्ञात हो, भाजपा को छोड़ कर नवंबर 2011 में बीएसआर कांग्रेस का गठन करने वाले श्रीरामुलू को कर्नाटक के खनन माफिया जनार्दन रेड्डी का करीबी माना जाता है, जो अवैध खनन मामले में इन दिनों आंध्र प्रदेश की जेल में बंद हैं।

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सूत्रों के मुताबिक, द्रमुक से हाल ही में निलंबित किए गए अलागिरी ने शुक्रवार को दिल्ली में राजनाथ सिंह से मुलाकात की और तकरीबन 45 मिनट तक मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की। साथ ही तमिलनाडु में भाजपा गठबंधन (डीएमडीके, पीएमके और एमडीएमके) को समर्थन देने का प्रस्ताव किया। राजनाथ ने अलागिरी को इस बारे में अभी कोई आश्वासन नहीं दिया है। ज्ञात हो, अलागिरी का दक्षिण तमिलनाडु के सात संसदीय क्षेत्रों में अच्छा खासा प्रभाव है।