उन्हें जिंदा जला देना..वे इंसान नहीं जानवर हैं
उन्हें जिंदा जला देना..वे इंसान नहीं जानवर हैं। इन्हें मौत की सजा दी जानी चाहिए..जिससे वे किसी और लड़की के साथ ऐसी वहशियाना हरकत न कर सकें। राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में दरिंदगी का शिकार हुई युवती ने महिला मजिस्ट्रेट से अपने बयान में यह कहा था। राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस मे
By Edited By: Updated: Wed, 11 Sep 2013 06:35 AM (IST)
नई दिल्ली। उन्हें जिंदा जला देना..वे इंसान नहीं जानवर हैं। इन्हें मौत की सजा दी जानी चाहिए..जिससे वे किसी और लड़की के साथ ऐसी वहशियाना हरकत न कर सकें।
राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में दरिंदगी का शिकार हुई युवती ने महिला मजिस्ट्रेट से अपने बयान में यह कहा था। राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में दरिंदगी का शिकार हुई युवती का बयान महानगरीय मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज हुआ। उसकी मौत के बाद इसे महत्वपूर्ण बयान माना गया। ये बयान ही दरिंदों के ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ। बयान के कुछ अहम अंश इस प्रकार हैं.. पढ़ें: 16 दिसंबर, हैवानियत की वह रात
कंडक्टर ने बस की लाइट बंद कर दी। वह गालियां देते हुए मेरे और मेरे दोस्त के साथ मारपीट करने लगा। उसने मेरे दोस्त को पकड़ लिया और वे लोग मुझे पिछली सीट पर ले गए। उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ डाले, मेरे साथ रेप किया। उन्होंने मुझ पर लोहे की रॉड से हमला किया और मेरे पूरे शरीर पर जहां-तहां दांतों से काटा..
छह लोगों ने करीब एक घंटे तक चलती बस में मेरे साथ रेप किया.. उन्होंने (आरोपियों ने) बारी-बारी से बस चलाई, जिससे वे सब मेरे साथ रेप कर सकें..मैंने इन दरिंदों को पकड़ों इसे..कपड़े फाड़ो, मारो, इसका बैग छीनो चिल्लाते सुना। वे सब भद्दी गालियां दे रहे थे। उनके नाम राम सिंह ठाकुर, राजू, मुकेश और पवन हैं। मेरे दोस्त ने मुझे बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने उसे भी लोहे की रॉड से मारा.. पढ़ें: दिल्ली गैंगरेप, यूं चला घटनाक्रम उन्होंने मेरे दोस्त के भी सारे कपड़े उतार दिए। उन्होंने समझा कि हम दोनों मर गए हैं। उन्होंने हमें चलती बस से फेंक दिया। हम दोनों सड़क के किनारे निर्वस्त्र पड़े थे। राहगीरों ने देखा तो पुलिस को जानकारी दी..।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर