मुंबई धमाके के दोषी मेमन की फांसी पर रोक जारी
मुंबई में 1993 के सीरियल धमाकों के दोषी याकूब अब्दुल रजाक मेमन की फांसी पर रोक जारी है। सुप्रीमकोर्ट ने मेमन की पुनर्विचार याचिका पर महाराष्ट्र एसटीएफ और सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब्दुल रजाक मेमन मुंबई धमाकों का एकमात्र दोषी है, जिसे फांसी की सजा सुनाई
By manoj yadavEdited By: Updated: Thu, 11 Dec 2014 07:59 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुंबई में 1993 के सीरियल धमाकों के दोषी याकूब अब्दुल रजाक मेमन की फांसी पर रोक जारी है। सुप्रीमकोर्ट ने मेमन की पुनर्विचार याचिका पर महाराष्ट्र एसटीएफ और सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब्दुल रजाक मेमन मुंबई धमाकों का एकमात्र दोषी है, जिसे फांसी की सजा सुनाई गई है।
न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने मेमन की पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करते हुए नोटिस जारी की। कोर्ट ने कहा कि जब तक याचिका पर सुनवाई लंबित है, मेमन की फांसी पर रोक जारी रहेगी। कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 28 जनवरी की तिथि तय कर दी। इससे पहले मेमन के वकील ने उसे फांसी देने के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि फैसले में उसे फांसी देने के पीछे कोई भी विशेष कारण दर्ज नहीं किया गया है। उनके मुवक्किल को सहअभियुक्तों के मुकर चुके अपराध स्वीकृति के बयानों के आधार पर सजा सुनाई गई है। पूरे फैसले में यह कहीं नहीं बताया गया है कि मेरे मुवक्किल ने किस आतंकी घटना में भाग लिया था। वकील ने यह भी कहा कि टाडा कोर्ट ने मामले में पूरा फैसला देने से पहले ही मेमन को दोषी ठहरा कर फांसी की सजा सुना दी थी इसलिए फैसला गलत है। इससे पहले सुप्रीमकोर्ट पुनर्विचार याचिकाओं पर चैम्बर में सुनवाई करता था, जिसमें वकीलों को बहस का मौका नहीं दिया जाता था। गत सितंबर में सुप्रीमकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मौत की सजा पाए दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई की जाएगी और उनके वकीलों को बहस के लिए आधे घंटे का समय दिया जाएगा। मालूम हो कि मुंबई धमाकों के इस मामले में ही अवैध हथियार रखने के जुर्म में अभिनेता संजय दत्त जेल की सजा काट रहे हैं। उन्हें अवैध हथियार रखने के जुर्म में सुप्रीमकोर्ट से पांच साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।