विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी नेताजी की मौत: कर्नल निजामुद्दीन
नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत 17 अगस्त 1
By Edited By: Updated: Thu, 23 Jan 2014 12:37 PM (IST)
वाराणसी। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत 17 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी। नेताजी 20 अगस्त 1945 को बर्मा में छितांग नदी के किनारे पड़े मिले थे। जापान के सैनिकों ने उन्हें वहां से उठा लिया था।
यह दावा किसी और का नहीं, 114 वर्षीय कर्नल निजामुद्दीन का है। कर्नल निजामुद्दीन उन दिनों नेताजी के निजी ड्राइवर व अंगरक्षक थे। निजामुद्दीन बुधवार को काशी विद्यापीठ में विशाल भारत संस्थान द्वारा आयोजित समारोह में भाग लेने आए थे। इस दौरान 'दैनिक जागरण' को उन्होंने बताया कि नेता जी को अंतिम बार उन्होंने खुद बर्मा की छितांग नदी के किनारे देखा था। उन्होंने दावा किया कि इन आंखों ने जापानी सैनिकों द्वारा उन्हें उठाकर ले जाते हुए देखा है। सरकार ने बगैर मेरा बयान दर्ज किए ही नेताजी की मौत की अफवाह उड़ा दी। कर्नल ने बताया कि नेता जी 12 सिलेंडर वाली गाड़ी से चलते थे। वह बेहद साधारण तरीके से रहते थे। सुरक्षा के नाम पर उनके साथ मात्र तीन चार लोग थे। मैं उनकी गाड़ी चलाता था। साक्ष्य के तौर पर उन्होंने आजाद हिंद फौज का परिचय पत्र भी दिखाया। 11 भाषाओं के जानकार हैं कर्नल
कर्नल निजामुद्दीन की हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, जर्मन, जापानी, बांग्ला सहित ग्यारह भाषाओं पर पकड़ हैं। अचूक निशानेबाज
कर्नल अचूक निशानेबाज भी माने जाते हैं। उन्होंने बताया कि सन 1945 में युद्ध के दौरान ब्रिटिश जहाज मार गिराया था। नेताजी के कहने पर लौट आया मुबारकपुर आजमगढ़ के ग्राम ढकवां निवासी कर्नल निजामुद्दीन पांच जून 1969 में सिंगापुर से भारत लौटे। उन्होंने बताया कि सिंगापुर में फंसे सभी भारतीयों को वापस भेजने के बाद नेताजी ने लौटने का आदेश दिया था। नेताजी के आदेश पर ही हम भारत आ गए।
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