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अभी देश नहीं छोड़ सकेंगे सुब्रत राय

सहारा समूह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख बरकरार है। कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय के विदेश छोड़ने पर लगाई रोक को हटाने से इंकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब तक निवेशकों के 22 हजार करोड़ रुपये लौटाने से जुड़ा सारा ब्योरा बाजार नियामक सेबी को नहीं दे दिया जाता, सुब्रत राय विदेश नहीं जा सकेंगे।

By Edited By: Updated: Wed, 29 Jan 2014 04:06 AM (IST)
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नई दिल्ली। सहारा समूह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख बरकरार है। कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय के विदेश छोड़ने पर लगाई रोक को हटाने से इंकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब तक निवेशकों के 22 हजार करोड़ रुपये लौटाने से जुड़ा सारा ब्योरा बाजार नियामक सेबी को नहीं दे दिया जाता, सुब्रत राय विदेश नहीं जा सकेंगे। समूह की दो कंपनियों ने डिबेंचर जारी कर निवेशकों से 24 हजार करोड़ रुपये बिना सेबी की मंजूरी के वसूले थे। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में यह राशि ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया था।

पढ़ें: सहारा मुखिया 22 हजार करोड़ का स्त्रोत बताओ, नहीं तो जांच के लिए तैयार रहो

जस्टिस केएस राधाकृष्णन और जेएस खेहर की खंडपीठ ने कहा कि जिस रकम को लौटाने का दावा किया जा रहा है, अगर उसका स्त्रोत नहीं बताया गया तो समूह के खिलाफ जांच का आदेश दे दिया जाएगा। समूह का दावा है कि वह 22,885 करोड़ रुपये निवेशकों को पहले ही लौटा चुका है। दोनों न्यायाधीशों ने कहा कि यदि सहारा समूह इस राशि के स्त्रोत बता दे और इनसे जुड़े सारे दस्तावेज सेबी को सौंप दे, तो सुब्रत राय को विदेश जाने की इजाजत दी जा सकती है। इन दस्तावेजों में सेबी द्वारा मांगे गए बैंक स्टेटमेंट शामिल हैं। समूह के वकील ने यह दलील दी थी कि सुब्रत राय को कारोबार के सिलसिले में विदेश जाने की जरूरत है। वे अगली सुनवाई पर देश लौट आएंगे। पीठ इस दलील से प्रभावित नहीं हुई। उसने कहा कि समूह को ये दस्तावेज 11 फरवरी को अगली सुनवाई से पहले सौंपने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल 21 नवंबर को सुब्रत राय के विदेश जाने पर पाबंदी लगाई थी।

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