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गर्मी की दुहाई दे सुब्रत राय ने लगाई जल्द फैसले की गुहार

करीब दो महीने से तिहाड़ जेल में बंद सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय ने गर्मी की दुहाई दे सुप्रीम कोर्ट से जल्दी फैसला सुनाने की गुहार लगाई है। शीर्ष अदालत ने हिरासत को गैरकानूनी ठहराने की सुब्रत राय की याचिका पर बहस सुनकर अपना फैसला 21 अप्रैल को सुरक्षित रख लिया था। सुब्रत राय व दो अन्य निदेशकों की ओर से अर्जी दाखिल कर रिहाई की शर्तो में बदलाव की भी मांग की गई है। इस अर्जी पर भी कोर्ट ने अभी तक कोई फैसला नहीं सुनाया है।

By Edited By: Updated: Wed, 30 Apr 2014 10:19 PM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। करीब दो महीने से तिहाड़ जेल में बंद सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय ने गर्मी की दुहाई दे सुप्रीम कोर्ट से जल्दी फैसला सुनाने की गुहार लगाई है। शीर्ष अदालत ने हिरासत को गैरकानूनी ठहराने की सुब्रत राय की याचिका पर बहस सुनकर अपना फैसला 21 अप्रैल को सुरक्षित रख लिया था। सुब्रत राय व दो अन्य निदेशकों की ओर से अर्जी दाखिल कर रिहाई की शर्तो में बदलाव की भी मांग की गई है। इस अर्जी पर भी कोर्ट ने अभी तक कोई फैसला नहीं सुनाया है।

सुब्रत राय और दोनों निदेशक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गत चार मार्च से दिल्ली के तिहाड़ जेल में हैं। कोर्ट ने उनकी रिहाई के लिए 10,000 करोड़ रुपये सेबी को अदा करने की शर्त रखी है। इस रकम में से 5,000 करोड़ नगद और 5,000 करोड़ की बैंक गारंटी देनी है। सहारा समूह रिहाई के लिए पैसे के भुगतान की शर्त में थोड़ा बदलाव चाहता है। समूह की दो कंपनियों ने निवेशकों से डिबेंचर जारी कर 24,000 करोड़ रुपये वसूले थे। शीर्ष अदालत ने यही रकम मय सूद वापस करने का आदेश दे रखा है।

बुधवार को जस्टिस केएस राधाकृष्णन व जेएस खेहर की पीठ सुब्रत राय पर स्याही फेकने वाले के खिलाफ अवमानना कार्यवाही पर सुनवाई कर रही थी। उसी समय सुनवाई के अंत में सुब्रत राय के वकील राजीव धवन ने पीठ से जल्दी फैसला सुनाने का अनुरोध किया। धवन ने कहा कि दिल्ली में गर्मी बढ़ रही है। जेल में ठीक नहीं लग रहा है। जेल में बंद तीन लोगों में से एक की तबियत भी खराब है। ऐसे में कोर्ट उनकी याचिका पर जल्दी फैसला सुना दे। धवन ने कहा कि अगर फैसला सुब्रत राय के हक में आता है तो ठीक है। अगर निर्णय उनके खिलाफ आता है तो वे और बेहतर ढंग से कोशिश करेंगे। हालांकि कोर्ट ने आदेश देने के बारे में कोई संकेत नही दिया, लेकिन अनुरोध पर विचार करने की बात कही।

इससे पहले सुब्रत राय पर स्याही फेकने के मामले में आरोपी मनोज शर्मा सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ। पीठ ने ऐसी घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि कोर्ट के बुलाने पर पेशी के लिए आने वालों पर हमले की घटनाएं चिंताजनक हैं। ऐसी घटनाओं को गंभीर अपराध की तरह लिया जाना चाहिए। कोर्ट ने उसे जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए एक माह का समय दे दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

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