कंपनियों को शराब के पुराने स्टाक के निर्यात की मिली इजाजत
कोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा कंपनियों को स्टाक निकालने के लिए तय की गई 30 अप्रैल की समयसीमा बढ़ा कर 31 मई की थी।
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Thu, 08 Jun 2017 08:23 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार में शराब निर्माता कंपनियों को सुप्रीमकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीमकोर्ट ने उनका गोदामों में पड़ा शराब का स्टाक 31 जुलाई तक अन्य राज्यों मे निर्यात करने की भी इजाजत दे दी है।
गुरुवार को शराब निर्माता कंपनियों की अर्जी पर विचार करने के बाद कोर्ट ने अपने 29 मई के आदेश को स्पष्ट करते हुए कंपनियों को पुराना स्टाक नष्ट करने के साथ ही दूसरे राज्यों में निर्यात करने की भी इजाजत दे दी। कंपनियों की ओर से कोर्ट से आदेश को स्पष्ट करने का अनुरोध करते हुए कहा गया था कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक उन्हें 31 जुलाई तक अपना पुराना स्टाक निकालने और उसे नष्ट करने की इजाजत है उसे दूसरे राज्यों में निर्यात करने की बात इसमें शामिल नहीं है। इसलिए कोर्ट इसमें स्टाक को दूसरे राज्यों में निर्यात करने की भी बात शामिल कर दे। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए आदेश को स्पष्ट कर निर्यात की भी इजाजत दे दी है।गत 29 मई को सुप्रीमकोर्ट ने शराब निर्माता कंपनियों की मांग स्वीकार करते हुए बिहार के गोदामों में पड़ा पुराना स्टाक निकालने के लिए अवधि 31 मई से बढ़ा कर 31 जुलाई कर दी थी। हालांकि कोर्ट ने साफ किया था कि 31 जुलाई के बाद समय नहीं बढ़ाया जाएगा। तब वक्त बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कंपनियों की तरफ से दलील दी गई थी कि अभी भी करीब 200 करोड़ की शराब गोदामों में पड़ी है और कोर्ट द्वारा तय 31 मई की समयसीमा दो दिन बाद खत्म हो रही है। इतने कम समय में सारा स्टाक निकालना मुमकिन नहीं है।
अगर कोर्ट ने समय नहीं बढ़ाया तो कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान होगा। ये दूसरा मौका था जबकि सुप्रीमकोर्ट ने गोदामों में पड़े शराब के पुराने स्टाक को निकाल कर दूसरे राज्य भेजने के लिए समय सीमा बढ़ाई थी। इससे पहले शराब निर्माता कंपनियों की मांग पर कोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा कंपनियों को स्टाक निकालने के लिए तय की गई 30 अप्रैल की समयसीमा बढ़ा कर 31 मई की थी। बिहार में शराबबंदी के बाद शराब निर्माता कंपनियों को नुकसान से बचाने के लिए राज्य सरकार ने बने पड़े पुराने स्टाक को निकालने की इजाजत दे दी थी।यह भी पढ़ेंः अगर ऐसा हुआ तो भारत-पाकिस्तान कर सकते हैं संयुक्त सैन्य अभ्यास