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उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका

सुप्रीमकोर्ट ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। याचिका में राष्ट्रपति शासन को चुनौती देते हुए विधायकों की कथित खरीद फरोख्त की सीबीआइ जांच कराने की मांग की गई थी।

By Atul GuptaEdited By: Updated: Mon, 18 Apr 2016 09:05 PM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। याचिका में राष्ट्रपति शासन को चुनौती देते हुए विधायकों की कथित खरीद फरोख्त की सीबीआइ जांच कराने की मांग की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा से याचिका दाखिल करने के उनके औचित्य पर सवाल पूछे और मामले पर विचार करने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने शर्मा से कहा कि उनका उत्तराखंड से क्या संबंध है। वे इस मामले में कैसे प्रभावित हो रहे हैैं। पीठ ने कहा कि कहीं भी कुछ होता है शर्मा जी याचिका दाखिल कर देते है।

इस मामले में वे जनहित याचिका कैसे दाखिल कर सकते हैैं। पीठ ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि उत्तराखंड में राजनीति चल रही है और अगर संवैधानिक जरूरत हुई तो कोर्ट मसले पर विचार करेगा। लेकिन इस मामले में वे विचार नहीं करेंगे। कोर्ट का रुख देखते हुए एमएल शर्मा ने अपनी जनहित याचिका वापस ले ली।

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