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श्री श्री के मामले में सुप्रीम कोर्ट का किसानों की याचिका पर सुनवाई से इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने आज किसानों की उस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है जिसमें किसानों के एक समूह ने विश्व संस्कृति महोत्सव पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा है कि किसान इसके लिए एनजीटी में जाएं।

By kishor joshiEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2016 02:43 PM (IST)
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज किसानों की उस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है जिसमें किसानों के एक समूह ने विश्व संस्कृति महोत्सव पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा है कि किसान इसके लिए एनजीटी में जाएं। वहीं दूसरी तरफ एनजीटी ने साफ़ किया की अगर आज शाम को 4 बजे तक आर्ट ऑफ लिविंग पैसा जमा नहीं कराता है तो वह कार्यक्रम की मंजूरी को निरस्त कर सकता है।

इससे पहले 'आर्ट ऑफ लिविंग' के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने यमुना तट पर प्रस्तावित ‘वर्ल्ड कल्चर फ़ेस्टिवल’ कार्यक्रम करने की अनमुति मिलने पर कहा था कि वे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के लगाए जुर्माने के फ़ैसले से संतुष्ट नहीं हैं। श्री श्री रविशंकर ने कहा कि वो एनजीटी द्वारा लगाया गया जुर्माना नहीं भरेंगे, भले ही उन्हें जेल क्यों न जाना पड़े।

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गौरतलब है कि, कल ही एनजीटी ने आर्ट ऑफ़ लीविंग फ़ाउंडेशन पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति करने के लिए 5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाते हुए इस प्रस्तावित कार्यक्रम को कराने की इजाज़त दी थी। एनजीटी का कहना था कि कार्यक्रम जारी रह सकता है, लेकिन कार्यक्रम शुरू करने से पहले फाउंडेशन को जुर्माने की राशि जमा करनी होगी। कल एक ट्विट में श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि, "हम इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं। हम अपील करेंगे। सत्यमेव जयते!" मीडिया से बातचीत में श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि यमुना के किनारे कार्यक्रम करने के पीछे पर्यावरण के प्रति लोगों को सजग करना है।

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दूसरी तरफ संस्कृति मंत्रालय द्वारा श्री श्री रविशंकर के समारोह विश्व संस्कृति महोत्सव को 2.25 करोड़ रुपए का अनुदान दिए जाने की बात सामने आई है। इस पर संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि मंत्रालय एक करोड़ से पांच करोड़ रुपये तक की राशि भारत की संस्कृति के उन्नयन के लिए काम करने वाली संस्थाओं को देता है। इसी के तहत आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा संचालित व्यक्ति विकास केंद्र ट्रस्ट को अनुदान दिया है। मंत्रालय के फैसले पर सफाई देते हुए शर्मा ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय ऐसी संस्थाओं को अनुदान देता है जो कि भारतीय विरासत और संस्कृति का राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करती हैं।