प्रभु ने आठ नई ट्रेनों को रेल भवन से दिखाई हरी झंडी
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने पिछले रेल बजट में घोषित और देश के विभिन्न हिस्सों से चलने वाली आठ नई ट्रेनों को रेल भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अगले दस दिनों के भीतर वह 14 और नई ट्रेनें चलाएंगे, जबकि एक ट्रेन का मार्ग विस्तार
By Sudhir JhaEdited By: Updated: Mon, 09 Feb 2015 08:40 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने पिछले रेल बजट में घोषित और देश के विभिन्न हिस्सों से चलने वाली आठ नई ट्रेनों को रेल भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अगले दस दिनों के भीतर वह 14 और नई ट्रेनें चलाएंगे, जबकि एक ट्रेन का मार्ग विस्तार किया जाएगा।
वर्ष 2014-15 के रेल बजट में रेलमंत्री सदानंद गौड़ा ने पांच जनसाधारण, पांच प्रीमियम, छह एसी एक्सप्रेस, 27 एक्सप्रेस, आठ पैसेंजर, दो मेमू और पांच डेमू गाडि़यां चलाए जाने व 11 मौजूदा गाडि़यों के मार्ग विस्तार का एलान किया था। इनमें कुछ ट्रेनें चल चुकी हैं, जबकि कुछ अभी चलाई जानी हैं। सोमवार को रेल मंत्री प्रभु द्वारा रवाना की गई ट्रेनों में रोजाना चलने वाली 14613/14614 फिरोजपुर-चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन को फिरोजपुर से, 58659/58660 हटिया-राउरकेला पैसेंजर ट्रेन कोहटिया से तथा हफ्ते में एक बार चलने वाली 22813/22814 पारादीप-हावड़ा (संत्रागाची) एक्सप्रेस ट्रेन को पारादीप से चलाया गया। इनके अलावा गुनुपुर से गुनुपुर-विशाखापत्तनम पैसेंजर (दैनिक), तिरुचेंदूर से तिरुचेंदूर-तिरुनवेली पैसेंजर, मन्नारगुडी से मन्नारगुडी-भगत की कोठी (जोधपुर) एक्सप्रेस, जयनगर से जयनगर-मुंबई जनसाधारण एक्सप्रेस, बायंदूर से बायंदूर-कसरगोड पैसेंजर ट्रेन को भी प्रभु द्वारा रेल भवन से हरी झंडी दिखाई गई।
इस अवसर पर रेलमंत्री ने कहा कि यह सूचना प्रौद्योगिकी का कमाल है कि इतनी दूर से बैठक कर एक साथ देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रेनों को हरी झंडी दिखाना संभव हुआ है। इससे रेलवे के राष्ट्रव्यापी विस्तार और राष्ट्रीय एकता में इसकी भूमिका का पता चलता है। उन्होंने पिछले रेल बजट में घोषित सभी ट्रेनों को जल्द ही चला दिए जाने का वादा किया। पढ़ेंः रेलवे का नीजिकरण नहीं, लेकिन विकास के लिए निवेश आवश्यक
इस अवसर पर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के अलावा रेलवे बोर्ड के सदस्य व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। रेल भवन में लगाए गए विशाल इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन पर उन स्टेशनों से संबंधित सजीव दृश्यों का प्रसारण हो रहा था जहां से ट्रेनें रवाना की जा रही थीं।