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...तो इसलिए सुरेश प्रभु को बनाया गया मंत्री

पूर्व शिवसेना नेता सुरेश प्रभु ने रविवार को मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वह महाराष्ट्र के राजापुर से शिवसेना सांसद हैं। प्रभु पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी मंत्री थे। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद के नेता माने जाते हैं।

By Sachin kEdited By: Updated: Sun, 09 Nov 2014 06:53 PM (IST)
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नई दिल्ली। पूर्व शिवसेना नेता सुरेश प्रभु ने रविवार को मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वह महाराष्ट्र के राजापुर से शिवसेना सांसद हैं। प्रभु पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी मंत्री थे। उनकी क्षमता व योग्यता के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें पसंद करते हैं। वह नदियों को जोड़ने वाली कमेटी के प्रमुख भी रहे चुके हैं।

तटीय कोंकण क्षेत्र से आने वाले बैंकर से नेता बने 61 वर्षीय प्रभु को आज ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता दिलाई गई। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा प्रभु को हरियाणा से राज्यसभा में ला सकती है।

विद्युत क्षेत्र में बदलाव के लिए बनाए गए सरकारी पैनल बिजली, कोयला व नवीकरणीय ऊर्जा विकास संबंधी सलाहकार समूह के प्रमुख पद पर उन्हें नियुक्त किए जाने से ही यह संकेत मिल रहे थे कि वह मोदी की गुड बुक में हैं।

प्रभु को ब्रिस्बेन में होने वाली समूह 20 की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री की सहायता के लिए मोदी का शेरपा भी नियुक्त किया गया है।

प्रभु कोंकण क्षेत्र की राजापुर लोकसभा सीट से 1996 से 2009 के बीच चार बार सांसद रह चुके हैं। वह 2009 के आम चुनाव में हालांकि हार गए थे। यह वही निर्वाचन क्षेत्र है, जिसका प्रतिनिधित्व कभी जनता पार्टी के नेता दिवंगत मधु दंडवते किया करते थे।

1998 से 2004 के बीच वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में प्रभु उद्योग मंत्री, पर्यावरण व वन मंत्री, उर्वरक व रसायन मंत्री, बिजली, भारी उद्योग व लोक उद्यम मंत्री के पद पर रहे थे। उन्हें विश्व बैंक संसदीय नेटवर्क का सदस्य चुनने के साथ ही दक्षिण एशिया जल सम्मेलन का अध्यक्ष भी नामित किया गया था।

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