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रूस से लौटते वक्त तेहरान में रुकीं सुषमा, ईरानी विदेश मंत्री के साथ किया लंच

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि यह तकनीकी ठहराव था न कि अनिर्धारित। माना जा रहा है कि दोनों विदेश मंत्रियों ने चाबहार बंदरगाह परियोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की।

By Sachin BajpaiEdited By: Updated: Sat, 02 Dec 2017 07:06 PM (IST)
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रूस से लौटते वक्त तेहरान में रुकीं सुषमा, ईरानी विदेश मंत्री के साथ किया लंच

नई दिल्ली, प्रेट्र । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शनिवार को रूस से लौटते वक्त तेहरान में रुकीं और अपने ईरानी समकक्ष जावेद जरीफ के साथ लंच पर आपसी हित के मसलों पर चर्चा की। सुषमा रूसी शहर सोच्चि में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेकर लौट रही थीं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि यह तकनीकी ठहराव था न कि अनिर्धारित। माना जा रहा है कि दोनों विदेश मंत्रियों ने चाबहार बंदरगाह परियोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की। इस परियोजना में भारत अहम साझीदार है। महीनेभर पहले भारत ने गेहूं की एक खेप ईरान में चाबहार बंदरगाह के रास्ते अफगानिस्तान भेजी थी। इस कदम को तीनों देशों के बीच (पाकिस्तान को दरकिनार करके) नए रणनीतिक मार्ग की शुरुआत की दिशा में मील के पत्थर के रूप में देखा गया था। इस बंदरगाह के जरिये भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच व्यापार में उछाल आने की उम्मीद है। पाकिस्तान इन दोनों देशों तक सामान की आवाजाही के लिए भारत को अपनी जमीन के इस्तेमाल की अनुमति देने से इन्कार करता रहा है।

द्विपक्षीय मसलों के अलावा स्वराज और जरीफ ने क्षेत्रीय हालात और खाड़ी क्षेत्र में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर भी विचार-विमर्श किया। भारत ईरान से तेल आयात बढ़ाने और प्राकृतिक गैस की संभावित आपूर्ति के साथ-साथ अन्य व्यापार बढ़ाने का भी इच्छुक है। इसलिए माना जा रहा है कि बैठक में इन मसलों पर भी चर्चा हुई। बता दें कि सुषमा स्वराज ने पिछले साल अप्रैल में ईरान की द्विपक्षीय यात्रा की थी। इस दौरान दोनों पक्षों ने समग्र तौर से संबंधों के विस्तार, खासतौर पर तेल और गैस क्षेत्र के संयुक्त उद्यमों में भारतीय निवेश बढ़ाने का निर्णय लिया गया था।