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सुषमा ने किया भाजपा को बेचैन

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव से पहले अपना दायरा बढ़ाने में जुटी भाजपा को सुषमा स्वराज के नए तेवर ने सन्न कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर सुषमा ने बीएसआर कांग्रेस के भाजपा में विलय या गठबंधन से खुले तौर पर मना कर दिया है। जबकि हरियाणा में विनोद शर्मा के नाम पर भी आपत्ति जता दी है। विनोद कांग्रेस छोड़ राजग सहयोगी कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हजकां में शामिल होने जा रहे थे। सुषमा की आपत्ति के बाद गुरुवार को यह टल गया।

By Edited By: Updated: Thu, 06 Mar 2014 09:19 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव से पहले अपना दायरा बढ़ाने में जुटी भाजपा को सुषमा स्वराज के नए तेवर ने सन्न कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर सुषमा ने बीएसआर कांग्रेस के भाजपा में विलय या गठबंधन से खुले तौर पर मना कर दिया है। जबकि हरियाणा में विनोद शर्मा के नाम पर भी आपत्ति जता दी है। विनोद कांग्रेस छोड़ राजग सहयोगी कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हजकां में शामिल होने जा रहे थे। सुषमा की आपत्ति के बाद गुरुवार को यह टल गया।

कर्नाटक और हरियाणा ऐसे राज्य है, जहां भाजपा के लिए चुनौतियां हैं। पिछली बार सबसे ज्यादा सीट देने वाले कर्नाटक में पार्टी के बिखराव के बाद फिर से ताकत बटोरने की कोशिश शुरू हो गई है। टूट कर गए बीएस येद्दयुरप्पा वापस लौट आए हैं। अब विवादित लेकिन मजबूत रेड्डी भाइयों के साथ बी.श्रीरामुलू अपनी नई पार्टी बीएसआर कांग्रेस को भाजपा में विलय कराने का फैसला कर चुके हैं। बताते हैं कि प्रदेश स्तर पर अधिकतर नेताओं के साथ-साथ केंद्र के भी कुछ नेताओं ने अपनी सहमति दी है। दरअसल उनका मानना था कि विलय से भाजपा को 3 फीसद वोट का लाभ मिलेगा। लेकिन सुषमा के सार्वजनिक विरोध ने पार्टी के कई नेताओं को बेचैन कर दिया है। विरोध दर्ज कराने के लिए पत्र लिखने के साथ सुषमा ने ट्वीट को चुना और उसी पर यह जानकारी दे दी कि 'वह बीएसआर कांग्रेस के भाजपा में विलय का विरोध करती हैं।' उन्होंने राजनाथ को लिखा, 'किसी भी कीमत पर यह संभावित गठबंधन रोका जाना चाहिए।'

गौरतलब है कि अवैध खनन घोटाले में चार्जशीट हो चुके रेड्डी बंधुओं को एक वक्त पर सुषमा का नजदीकी बताया जाता था। सुषमा पर उन्हें बचाने का भी आरोप लगता रहा था। नए पासे के साथ सुषमा ने अपना दामन साफ करने की कोशिश की है। गिरफ्तार होने के बाद रेड्डी बंधु भाजपा छोड़कर बीएसआर में शामिल हो गए थे। विधानसभा चुनाव में बीएसआर कांग्रेस को चार सीटें मिली थीं।

दूसरी ओर सुषमा ने हरियाणा में विनोद शर्मा का भी विरोध कर दिया है। गौरतलब है कि हवा का रुख देखकर विनोद शर्मा ने पहले भाजपा में शामिल होने की कोशिश की थी। यह नहीं हो पाया तो पिछले दरवाजे से हिस्सा बनने की कोशिश की। गुरुवार को वह हजकां में शामिल होने वाले थे।

ट्वीट पर ही सुषमा ने जानकारी दी कि उन्होंने बिश्नोई को भी अपनी आपत्ति जता दी है और विनोद शर्मा को शामिल कराने से मना किया है। गौरतलब है कि हरियाणा की 10 सीटों में दो हजकां को दी गई है और विनोद करनाल से चुनाव लड़ना चाहते थे। सुषमा का खुला विरोध पार्टी के कई नेताओं के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। खासकर सुषमा के ऐसे समर्थक भी खड़े हो सकते हैं जो भ्रष्टाचार के चुनावी मुद्दे की याद दिलाएं। फिलहाल यह तय है कि कर्नाटक और हरियाणा में पेंच फंस गया है।

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