सेमी हाईस्पीड ट्रायल के लिए इसी माह आ रही टैल्गो की ट्रेन
स्पेन की कंपनी टैल्गो की सेमी हाईस्पीड बोगियां ट्रायल के लिए इसी महीने भारत आ रही हैं। मई महीने में रेलवे के तीन प्रमुख रूटों पर इनका परीक्षण किया जाएगा। इनमें बरेली-मुरादाबाद, पलवल-मथुरा तथा दिल्ली-मुंबई सेक्शन शामिल हैं।
नई दिल्ली। स्पेन की कंपनी टैल्गो की सेमी हाईस्पीड बोगियां ट्रायल के लिए इसी महीने भारत आ रही हैं। मई महीने में रेलवे के तीन प्रमुख रूटों पर इनका परीक्षण किया जाएगा। इनमें बरेली-मुरादाबाद, पलवल-मथुरा तथा दिल्ली-मुंबई सेक्शन शामिल हैं।
टैल्गो बोगियों वाली ट्रेनों की खासियत यह है कि इन्हें मौजूदा भारतीय ट्रैक पर ही बगैर किसी सुधार के 200 किलोमीटर तक की रफ्तार पर चलाया जा सकता है। यहां तक कि घुमावदार ट्रैक पर भी ट्रेन की रफ्तार कम नहीं होती। इसके लिए टैल्गो ने विशेष टिल्ट प्रौद्योगिकी का विकास किया है जिसमें घुमावदार टै्रक पर बोगियां भीतर की ओर झुक जाती हैं।
दूसरी विशेषता बोगियों का कम लंबा होना तथा उनमें बिना एक्सल वाले पहियों का प्रयोग किया जाना है। इससे घुमावदार ट्रैक पर पहिये भीतरी और बाहरी पटरी पर स्वतंत्र रूप से संतुलन बनाने में कामयाब रहते हैं। टैल्गो के ट्रेन सेट्स में दो बोगियों को आपस में जोड़ने वाले कपलर भी अलग तरह के हैं जिससे इनके खुलने या झटके लगने की संभावना नहीं होती।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकार के मुताबिक टैल्गो काफी समय से भारत में अपनी सेमी हाईस्पीड प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करने को उद्यत थी। अब जब कि रेल मंत्रालय ने उसे इसकी इजाजत दे दी है तो वह स्पेन अपनी 9 बोगियां भारत ला रही है।
इनके 21-22 अप्रैल को मुंबई के न्हावा शेवा पोर्ट पर पहंुचने की संभावना है। वहां से इन्हें इज्जतनगर डी़जल शेड लाया जाएगा असेंबल कर ट्रेन का रूप दिया जाएगा। तदोपरांत मई महीने में इस ट्रेन का सबसे पहले बरेली-मुरादाबाद रेल खंड पर परीक्षण संचालन होगा। इसमें इसे 80 से 115 किलोमीटर की रफ्तार पर चलाकर देखा जाएगा।
इसकी कामयाबी के बाद अगला परीक्षण पलवल-मथुरा रेल खंड पर किया जाएगा, जहां ट्रेन की रफ्तार को 180 किलोमीटर तक बढ़ाकर देखा जाएगा। इसके भी सफल रहने के बाद पूरे दिल्ली-मुंबई रूट पर 200 किलोमीटर तक की रफ्तार पर इसका ट्रायल रन होगा।
अधिकारी के अनुसार जहां विश्र्व की अन्य सेमी हाईस्पीड ट्रेने इलेक्टि्रक ट्रैक पर चलती हैं। वहीं टैल्गो की ट्रेने डी़जल पर चलती हैं। इस लिहाज से यह विश्र्व की एकमात्र कंपनी है। यदि इसकी ट्रेन परीक्षण में खरी उतरती हैं तो अब तक चिह्नित नौ सेमी हाईस्पीड रूटों के अलावा भी कई रूटों पर इन ट्रेनों को चलाया जा सकेगा।
जबकि चिह्नित रूटों के लिए इलेक्टि्रक ट्रेन सेट्स का उपयोग होगा। रेलवे ने 315 बोगियों की आपूर्ति के लिए प्राथमिक निविदाएं मांगी थीं। इसमें 40 बोगियों का आयात करने, जबकि बाकी बोगियों का भारत में ही निर्माण करने की शर्त है।
लेकिन बोली लगाने वाली कंपनियों ने यह कहते हुए इसमें रुचि नहीं दिखाई है कि इतनी कम बोगियों के लिए वे भारत में कारखाना नहीं लगाने का जोखिम नहीं उठा सकती हैं। अब रेलवे आर्डर का आकार बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार कर रही है।
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