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जानिए, कब और कहां हुए आतंकी हमले

हाल के दिनों में कई देशों में ऐसे आतंकी हमले हो चुके हैं, जिनमें लोगों को बंधक बनाया गया। इनमें सैकड़ों लोगों की जानें भी गई हैं। पाकिस्तान के पेशावर में मंगलवार को सैनिक स्कूल पर हुए आतंकी हमले में करीब 132 लोगों की मौत हो गई।

By Sachin kEdited By: Updated: Tue, 16 Dec 2014 08:31 PM (IST)
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नई दिल्ली। हाल के दिनों में कई देशों में ऐसे आतंकी हमले हो चुके हैं, जिनमें लोगों को बंधक बनाया गया। इनमें सैकड़ों लोगों की जानें भी गई हैं। पाकिस्तान के पेशावर में मंगलवार को सैनिक स्कूल पर हुए आतंकी हमले में करीब 132 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान आतंकियों ने कई बच्चों को बंधक भी बना लिया।

सिडनीः दहशत के वो सोलह घंटेः

इससे पहले सिडनी के व्यापारिक क्षेत्र मार्टिन प्लेस स्थित लिंड चाकलेट कैफे में सोमवार की सुबह करीब पौने दस बजे एक बंदूकधारी ने कैफे को अंदर से बंद करके 35 वर्षीय भारतीय आइटी विशेषज्ञ अंकित रेड्डी और पुष्पेंदु घोष समेत 35 लोगों को बंधक बना लिया था। बहरहाल, दो भारतीय समेत बाद में बचे 15 बंधकों को चंद मिनटों की पुलिस कार्रवाई में मुक्त करा लिया गया। इस दौरान 50 साल का बंदूकधारी ईरानी रिफ्यूजी हारुन मोनिस भी मारा गया है। इस तरह सिडनी के पैंतीस बंधकों के संकट का पटाक्षेप 16 घंटे में ही हो गया।

बेल्जियम के अपार्टमेंट में घुसे चार बंदूकधारीः

सिडनी में एक कैफे में लोगों को बंधक बनाए जाने की खबर के कुछ ही घंटे बाद बेल्जियम में भी एक अपार्टमेंट में चार बंदूकधारी घुस गए थे। अधिकारियों के मुताबिक, बंदूकधारियों ने एक व्यक्ति को अपार्टमेंट में बंधक बनाया था।

रियाद में बंदूकधारी का तांडवः

सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक बंदूकधारी के कब्जे से तीन बंधकों को छुड़ाने के प्रयास में सुरक्षाबल का एक जवान मारा गया था। एक बंदूकधारी ने रविवार शाम को एक मस्जिद के निकट मजदूरों को बंधक बना लिया था। पुलिस द्वारा घेरे जाने पर उसने गोलीबारी शुरू कर दी थी। हालांकि बाद में पुलिस ने सभी बंधक मुक्त करा लिए और बंदूकधारी को जख्मी हालत में गिरफ्तार कर लिया था।

विस्कोन्सिन गुरुद्वारे में गोलीबारीः

अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में पांच अगस्त, 2012 को एक बंदूकधारी ने घुसकर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस गोलीबारी में रविवार की प्रार्थना के लिए इकट्ठे हुए लोगों में से छह की मौत हो गई और तीन बुरी तरह घायल हो गए थे।

मुंबई में आतंकी हमलाः

26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में 80 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान एटीएस चीफ समेत 5 बड़े पुलिस अफसर और 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। आतंकियों ने 10 जगह अंधाधुंध फायरिंग की थी। दो फाइव स्टार होटलों में सैकड़ों लोगों को बंधक बनाया था।

सितंबर 2004 बेसलैन स्कूल हमलाः
इस हमले को आतंकियों द्वारा स्कूली बच्चों को निशाना बनाए जाने वाले हमलों में सबसे बड़े और सबसे क्रूर हमले के तौर पर जाना जाता है। रूस के बेसलैन स्कूल में हुए इस हमले को चेचेन आतंकियों ने अंजाम दिया था। उन्होंने 3 दिन तक स्कूल में बच्चों समेत 1100 बंधक बनाए रखा। अंत में स्कूल में मिलिट्री ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जिसमें आतंकियों समेत 385 लोगों की मौत हो गई वहीं 783 लोग घायल हो गए।

चिबूक स्कूल ग‌र्ल्स किडनैपिंगः
14-15 अप्रैल, 2014 को नाइजीरिया के बोर्नो राज्य स्थित चिबूक के एक गवर्नमेंट सीनियर सेकेंड्री स्कूल पर बोको हराम के आतंकियों ने हमला बोलकर 276 बालिकाओं को बंधक बना लिया था और असंख्य लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। आतंकी घटनास्थल से बंधक लड़कियों को अपने अड्डे ले जाने में सफल रहे। हालांकि इस दौरान 50 लड़कियां भाग निकलीं और बाद में एक हमले के दौरान 50 अन्य लड़कियों को भी सुरक्षित निकाल लिया गया, मगर बोको हराम के पास उस हमले की बंधक लड़कियां अब भी भारी तादात में मौजूद हैं माना जा रहा है कि आतंकियों ने लड़कियों का धर्मांतरण कर दिया है और उन्हें आतंकियों के हरम के तौर पर रखा गया है।

योबे स्कूल शूटिंग, नाइजीरियाः
बोको हराम ने 6 जुलाई, 2013 में योबे राज्य में मामूडो के सेकेंड्री स्कूल में कातिलाना हमले को अंजाम दिया, जिसमें 42 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे थे. बोको हराम ने चिबूक ग‌र्ल्स किडनैपिंग हमले के बाद लगातार कई बड़े हमले नाइजीरिया और कांगो में किए हैं जिसमें बच्चों को टारगेट किया गया है।

सीरिया स्कूल ट्विन बॉम्बिंगः
10 जनवरी, 2014 को सीरिया के एक सेकेंड्री स्कूल को टारगेट करके इस्लामिक स्टेट्स ने 2 धमाकों को अंजाम दिया, जिसमें 12 बच्चों समेत 32 लोगों की मौत हो गई थी। हमले में 115 लोग घायल हो गए थे।

यूएन स्कूल हमला, गाजाः
इजराइल-हमास के बीच 2014 में गाजा में लड़ी जा रही जंग के दौरान इजराइली आर्मी द्वारा गाजा के यूएन के स्कूल में हमला किय गया था. इस हमले में 19 लोगों की मौत हो गई थी और मरने वालों में 10 से ज्यादा बच्चे शामिल थे। इजराइल की इस कार्रवाई पर यूएन ने काफी सख्त रुख अपनाते हुए उसे वॉर क्राइम्स का दोषी माना है। हालांकि इजराइल ने कहा कि स्कूल में आतंकियों ने रॉकेट्स छुपा कर रखे थे और वो हमला न करते तो मृतकों का आंकड़ा और ज्यादा होता।

तहरीक-ए-तालिबान की रणनीतिः

पाकिस्तान के पेशावर में एक स्कूल पर हुआ हमला आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान का कोई पहला हमला नहीं है। इस संगठन ने इससे पहले भी कई हमले किए हैं, जिनमें काफी लोग मारे जा चुके हैं। कई ऐसे भी हैं, जिनके जख्म अभी तक नहीं भरे हैं। इस संगठन ने पेशावर हमले में मारे गए बच्चों के परिजनों को ऐसे जख्म दिए हैं, जो शायद ही कभी भर पाएं।

23 नवंबर, 2014 को तालिबान के आत्मघाती हमलावर ने अफगानिस्तान में वॉलीबॉल मैच देख रहे 60 से अधिक लोगों को मार डाला था।

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को टी-टी-पी या पाकिस्तानी तालिबान भी कहते हैं, पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के नजदीक स्थित संघ-शासित जनजातीय क्षेत्र से उभरने वाले चरमपंथी उग्रवादी गुटों का एक संगठन है। यह अफग़ानिस्तान की तालिबान से अलग है। हालांकि उनकी विचारधाराओं से काफी हद तक सहमत है। इनका ध्येय पाकिस्तान में शरिया पर आधारित एक कट्टरपंथी इस्लामी अमीरात को कायम करना है।

इसकी स्थापना दिसंबर 2007 को हुई, जब बेयतुल्लाह महसूद​ के नेतृत्व में 13 गुटों ने एक तहरीक (अभियान) में शामिल होने का निर्णय लिया। जनवरी, 2013 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने घोषणा की कि वे भारत में भी शरिया-आधारित अमीरात चाहते हैं और वहां से लोकतंत्र व धर्म-निरपेक्षता खत्म करने के लिए लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे कश्मीर में सक्रिय होने के प्रयास कर रहे हैं।

तालिब का अर्थ छात्र (धार्मिक शिक्षा मांगने वाला) और तहरीक' का अर्थ अभियान या मुहिम होता है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का मतलब पाकिस्तानी छात्र अभियान है।

इसलिए किया हमलाः

तहरीक-ए-तालिबान ने यह हमला इस बात के विरोध में किया है कि पाकिस्तानी सेना पिछले कुछ समय से उनके संगठन का लगातार सफाया कर रही है। इसी बात से आगबबूला होकर इस संगठन के दहशतगर्दों ने पेशावर में सैनिक स्कूल पर हमला कर दिया। हालांकि आतंकी संगठन के इस प्रतिशोध का खामियाजा हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को भुगतना पडे़गा, जिन्होंने इस हमले में अपनों को खो दिया है।

तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि आर्मी ने वजीरिस्तान लंबा ऑपरेशन चलाया है। इस ऑपरेशन में जिहादियों के परिवारों पर हमले होते हैं, उनके बच्चों को मारा जाता है। हमने स्कूल को निशाना बनाया, क्योंकि सेना हमारे परिवारों को निशाना बनाती है। हम चाहते हैं कि वे हमारा दर्द महसूस करें।

इस हमले की एक वजह पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को मिला नोबेल पुरस्कार भी मानी जा रही है। पाकिस्तान के जाने माने पत्रकार हामिद मीर ने एक भारतीय न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि मलाला को जब नोबेल प्राइज मिला, तब तालिबान ने ऐसा हमला करने की धमकी दी थी, इसलिए संभव है कि स्कूल को निशाना बनाकर शिक्षा का विरोध करने का संकेत दिया जा रहा हो।

पढ़ेंः पाकिस्तान के आर्मी स्कूल पर आतंकी हमला

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