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बड़े नेता व उद्यमी थे लश्कर के निशाने पर

लश्कर आतंकी अब्दुल सुब्हान के निशाने पर एक बडे़ नेता व उद्यमी थे। दोनों का अपहरण कर वह उनसे मोटी रकम वसूलना चाह रहा था। लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर अपहरण की पूरी साजिश रची गई थी। इसमें उत्तर प्रदेश के शामली जिले के जलालाबाद निवासी जमीर को भी शामिल किया जाना था, लेकिन अपहरण के पीछे

By Edited By: Updated: Sat, 11 Jan 2014 06:32 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लश्कर आतंकी अब्दुल सुब्हान के निशाने पर एक बडे़ नेता व उद्यमी थे। दोनों का अपहरण कर वह उनसे मोटी रकम वसूलना चाह रहा था। लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर अपहरण की पूरी साजिश रची गई थी। इसमें उत्तर प्रदेश के शामली जिले के जलालाबाद निवासी जमीर को भी शामिल किया जाना था, लेकिन अपहरण के पीछे जेहाद के मंसूबों का पता चलने पर उसने कदम वापस खींच लिया। सरकारी गवाह बने लियाकत व जमीर के सामने सुब्हान ने उन लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया था, जिनका अपहरण किया जाना था। सुब्हान की गिरफ्तारी के बाद ही इस साजिश का पता चल पाएगा। सुब्हान के साथ फरार उसके साथियों की तलाश में कई राज्यों में छापामारी जारी है। हरियाणा के मेवात व उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दिल्ली पुलिस की टीमें डेरा डाले हुए हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, जमीर छोटे-मोटे अपराध में शामिल रहा है। लियाकत के माध्यम से सुब्हान ने उसे अपहरण प्लान के लिए चुना था। लियाकत से देवबंद में एक धार्मिक आयोजन में मिले सुब्हान ने कई इलाकों में मस्जिद निर्माण की इच्छा जताई थी। बताया जा रहा है कि उसकी नजर मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान क्षतिग्रस्त मस्जिदों पर थी। वह इन्हें दुरुस्त कराकर स्थानीय लोगों में पैठ बनाना चाह रहा था। जमीर के साथ भी उसने इस बारे में विस्तार से चर्चा की थी, लेकिन जब सुब्हान ने अपहरण से मिले रुपयों से मुजफ्फरनगर दंगों का बदला लेने की बात कही तो जमीर डर गया था। मेवात से पकड़े गए मौलवी मुहम्मद शाहिद व राशिद ने भी सुब्हान के अपहरण प्लान का खुलासा किया। राशिद ने बताया कि सुब्हान का इरादा जेहाद के लिए युवाओं की भर्ती व काफी मात्रा में रुपयों का इंतजाम करना था। इसके लिए वह विदेश से धन आने की बात करता था। इससे सुरक्षा एजेंसियां मान रही हैं कि लश्कर नेता व उद्यमी का अपहरण कर फिरौती की रकम विदेश में वसूलने की फिराक में था। अपहृत व्यक्तियों को मेवात में छिपाकर रखने की बात भी सामने आ रही है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।

जांच में सामने आया कि अब्दुल सुब्हान व राशिद कई बार देवबंद जा चुके हैं। सुब्हान की मंशा स्थानीय लोगों से संपर्क स्थापित करने की थी। पिछले तीन माह में सुब्हान दो से तीन बार जबकि राशिद व शाहिद करीब छह बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश गए थे। राशिद के पास से मिले सिमकार्ड की जांच में सौ से अधिक संदिग्ध फोन नंबर मिले हैं। इन नंबरों पर राशिद के अलावा सुब्हान की भी बात होती थी। सूत्रों के अनुसार अधिकांश नंबर पश्चिमी उत्तर प्रदेश व मेवात क्षेत्र के हैं। पश्चिम बंगाल के भी कुछ नंबर हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

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