Move to Jagran APP

मांझी के दर्शन के बाद मंदिर धोने की घटना शर्मनाक: पासवान

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के दर्शन करने के बाद मंदिर को धोने की घटना को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बेहद शर्मनाक बताया है। पासवान ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि दलित मुख्यमंत्री ने अपराधियों के अभी तक गिरफ्तार करने के लिए क्यों नहीं कहा। पासवान जो खुद जीतन राम मांझी की तरह दलित है, उन्होंने कहा कि देश मे

By Edited By: Updated: Mon, 29 Sep 2014 02:33 PM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के दर्शन करने के बाद मंदिर धोने की घटना को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बेहद शर्मनाक बताया है। पासवान ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि दलित मुख्यमंत्री ने अपराधियों को अभी तक गिरफ्तार करने के लिए क्यों नहीं कहा। पासवान जो खुद जीतन राम मांझी की तरह दलित हैं, उन्होंने कहा कि देश में अस्पृश्यता एक अपराध है। यहां तक कि यह एक आम आदमी के मामले में भी उतना ही महत्व रखती है। यह और ही शर्मनाक है कि दलित नेता के मंदिर में दर्शन करने के बाद मूर्ति की धुलाई की गई और उन्होंने कुछ नहीं किया। इससे शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता है। उन्हें तुरंत ही पुलिस को उन अपराधियों को गिरफ्तार करके जेल भेजने के लिए कहना चाहिए था।

रामविलास पासवान फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के दफ्तर के बाहर सफाई करते हुए यह बात कही। वे स्वच्छ भारत (क्लीन इंडिया मिशन) अभियान में हिस्सा ले रहे थे।

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जो कि एक महादलित हैं, उन्होंने रविवार को कहा था कि उपचुनाव के दौरान जब प्रचार के लिए मधुबनी गए थे तो उस समय उन्होंने जिले के एक मंदिर में दर्शन किया था। उनके दर्शन के बाद उस मंदिर में मूर्तियों की धुलाई करके शुद्ध किया गया था। उनका कहना था कि वे एक दबे कुचले समाज से ताल्लुकात रखते हैं जिसकी वजह से उन्हें जातिवाद का दंश झेलना पड़ता है। मांझी ने कहा कि दलित अधिकारियों को भी इसका शिकार होना पड़ता है। इसके साथ कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए किए जाने वाले कायरें में भी बाधा डाली जाती है।

पढ़ें: जीतन राम मांझी ने फिर दिया बेतुका बयान

पढ़ें: मुझे आज भी अछूत समझते हैं: मांझी